NARAYANPUR. जिले के ग्रामीण एक बार फिर विरोध के मूड में आ गए हैं। दरअसल, ओरछा मार्ग के ग्राम पंचायत बड़गांव के आश्रित गांव लसुनपदर में राजपुर धनोरा धुरबेड़ा कुमारी बेड़ा ब्रेहबेड़ा सहित दर्जनों गांवों के सैकड़ों ग्रामीण प्रशासन के खिलाफ इकट्ठा हुए हैं। ये ग्रामीण बड़गांव पहाड़ी को बचाने के लिए ग्रामीण प्रदर्शन कर रहे हैं। ये आदिवासी अपने पारंपरिक हथियार तीर धनुष, कुल्हाड़ी लेकर बड़गांव पहाड़ी को बचाने के लिए पिछले 10 दिनों से धरने पर बैठे हैं।
बड़गांव पहाड़ी को शासन ने निजी कंपनी को लीज पर दे दिया
आंदोलन कर रहे ग्रामीणों को कहा है कि बड़गांव पहाड़ी को शासन ने किसी निजी कंपनी को लीज पर दे दिया है। बहुत जल्द पहाड़ी से लौह अयस्क खनन का कार्य शुरू हो जाएगा। लौह अयस्क खनन शुरू होने से हमारे गांव में पुलिस कैम्प भी स्थापित कर दिया जाएगा, जिससे ग्रामीणों को परेशानी होगी। जल जंगल जमीन में हम आदिवासियों का अधिकार है। इसे सरकार हमारी अनुमति के बिना निजी कंपनी को दे रही है। पहाड़ी में हमारे पुरखों के देवी-देवताओं का वास है।
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बड़गांव पहाड़ी में लौह अयस्क का भण्डार मौजूद है
गौरतलब है कि नारायणपुर जिले के बड़गांव पहाड़ी में लौह अयस्क का भण्डार मौजूद है। पिछले कुछ महिनों से छोटेडोंगर क्षेत्र में बड़गांव पहाड़ी में लौह खनन शुरू होने की खबर काफी चर्चा में है, जिसकी भनक ग्रामीणों को भी लग जाने के बाद सैकड़ों ग्रामीण कड़कती ठंड में राशन पानी लेकर लसुनपदर पहाड़ी के पास ही धरने पर बैठ गए हैं। आदिवासी ग्रामसभा अनुमति के बगैर खदान खोलना बंद करो। पेसा कानून पांचवीं, छठवीं अनुसूची को अमल करो, कैम्प सड़क विस्तार करना बंद करो जैसे नारों से अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं।
आंदोलन में बच्चे-महिलाएं भी शामिल, तहसीलदार को ज्ञापन भी सौंपा
जिले में पिछले 10 दिनों से बड़गांव पहाड़ी को बचाने के लिए आंदोलन बड़ी संख्या में महिलाएं भी अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर कड़ाके की ठंड में रात बिता रहीं हैं। इस बीच, आंदोलन कर रहे ग्रामीणों से मिलने के लिए छोटेडोंगर तहसीलदार पहुंचे। इस दौरान तहसीलदार ने आंदोलनकारियों से लगभग एक घंटे चर्चा की। चर्चा के बाद ग्रामीणों ने तहसीलदार को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा है।