RAIPUR. शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने आज बड़ा बयान दिया है। मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि धर्मांतरण पर राजनीतिक दल दोषी हैं। उन्होंने कहा कि वे अपने दायित्व का निर्वहन नहीं करते, इसलिए धर्मांतरण हो रहा है। उन्होंने कहा कि सेवा के नाम पर हिन्दू को अल्पसंख्यक बनाने का काम हो रहा है। जिसके लिए हिंदू भी जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि अपनी समस्या का समाधान मिलकर करिए, एक समिति का गठन कीजिए जिसमें विधायक, सांसद, पार्षद को जोड़ें, उनसे हर तीन महीने में उनसे उनके कार्यो को पूछें।
धर्म की सीमा का अतिक्रमण कर राजनीति नहीं करनी चाहिए
शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने वहीं राम के नाम पर सियासत करने पर कहा कि राजनीति राजधर्म का ही नाम है। परोपकार, सेवा और संयम धर्म की सीमा है। धर्म की सीमा का अतिक्रमण कर राजनीति नहीं करनी चाहिए। इसका दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने राम मंदिर निर्माण को लेकर कहा कि अभी पीएम मोदी और सीएम योगी श्रेय ले रहे हैं। अयोध्या में राम मंदिर के साथ मस्जिद का प्रस्ताव आया। तो मैंने हस्ताक्षर नहीं किया। यदि नरसिंह राव के कार्यकाल में ‘मैं हस्ताक्षर कर देता तो उसी समय मंदिर और मस्जिद बन जाता’।
मेरे अपहरण का प्रयास किया गयाः निश्चलानंद सरस्वती
शंकराचार्य निश्चलानंद ने कहा मैं शंकराचार्य के पद पर 30 साल पहले प्रतिष्ठित हुआ। मेरे अपहरण का प्रयास किया गया, लेकिन नहीं हुआ। शंकराचार्य ने रायपुर में 16 जून को होने वाले धर्मसभा में तीन मठों के मठाधीशों के आने पर कहा कि उन्हें मान्यता आप देंगे? कोई भी शंकराचार्य बनकर आ जाएगा तो उसे शंकराचार्य थोड़ी ही मान लेंगे। पूर्व में शंकराचार्य ने अपने जीवन काल में किसी को जीवित समय में शंकराचार्य घोषित नहीं किया, पुराने तो मेरे परिचित थे। नए मेरे परिचित नहीं हैं।
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शंकाराचार्य के राष्ट्रोत्कर्ष दिवस पर 81वां प्राकट्य महोत्सव मनाएंगे
बता दें कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज के राष्ट्रोत्कर्ष दिवस 81वां प्राकट्य महोत्सव मनाने की तैयारी जोरों पर चल रही है। समाजसेवी बसंत अग्रवाल ने बताया कि रावाभाठा में शंकाराचार्य के राष्ट्रोत्कर्ष दिवस पर 81वां प्राकट्य महोत्सव मनाया जाएगा। 16 जून को महाराज के दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना के लिए रुद्राभिषेक एवं कलश यात्रा निकाली जाएगी। इसमें 11 हजार लोग शामिल होंगे। इसके साथ ही शंकराचार्य आश्रम में धर्म सभा का आयोजन होगा। इसमें 21 हजार लोग शामिल होंगे।