नितिन मिश्रा, RAIPUR. मेडिकल में पीजी की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को अब तीन महीने अपनी सेवाएं ज़िला अस्पताल में देनी होंगी। यदि विद्यार्थी ऐसा नहीं करते तो उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिलेगी। एनएमसी की नई गाइड लाइन के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इसे लागू कर दिया है। इसका मतलब है कि तीन महीने की परफॉर्मेंस रिपोर्ट के बाद ही विद्यार्थी परीक्षा में बैठ सकेंगे।
परफॉर्मेंस रिपोर्ट तय करेगी परीक्षा में उपस्थिति
एनएमसी यानी नेशनल मेडिकल कमीशन ने नई गाइड लाइन जारी की है। जिसके अनुसार मेडिकल में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को ज़िला अस्पताल में अपनी सेवाएं देनी होंगी। जिसके बाद ज़िला अस्पताल द्वारा एक परफॉर्मेंस रिपोर्ट दी जाएगी। रिपोर्ट में तीन महीने तक अस्पताल में विद्यार्थी द्वारा किए गए काम का लेखा-जोखा होगा। इस रिपोर्ट को कॉलेज संस्थान में जमा करने के बाद ही विद्यार्थी परीक्षा में बैठने के लिए पात्रता मिलेगी।
ड्यूटी लगाने तैयार किए जा रहे रोस्टर
ज़िला अस्पतालों में मेडिकल स्टूडेंट्स की सेवाएं दिलाने के लिए अस्पतालों में ड्यूटी रोस्टर तैयार किए जा रहे हैं। इसको लेकर पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज में बैठक की गई है। स्टूडेंट्स की ड्यूटी कॉलेज के पास के ही जिलों में लगाई जाएगी।
मेडिकल कॉलेज से मंगाए गए स्टूडेंट्स के डाटा
छत्तीसगढ़ में शासकीय मेडिकल कॉलेज की 274 सीटें हैं और पीजी की 104 सीटें हैं। मेडिकल में स्नातकोत्तर(पीजी) की पढ़ाई 6 सेमेस्टर (3 साल) की होती है। इसमें स्टूडेंट्स को तीसरे, चौथे या पांचवे किसी एक सेमेस्टर में ज़िला अस्पताल में सेवाएं देना अनिवार्य किया गया है। साथ ही स्टूडेंट्स के रहने की आवासीय व्यवस्था जिला अस्पताल के द्वारा करवाई जाएगी। इस संदर्भ में मेडिकल कॉलेजों से पीजी के स्टूडेंट्स का डेटा मंगवाया गया है।