नितिन मिश्रा, Raipur. राजधानी में अवैध होर्डिंग्स लगाने पर नगर निगम कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। सडकों के बीच बने डिवाइडर पर अवैध होर्डिंग्स का कब्जा है। जो आम जनमानस के लिए खतरा है। निगम के अधिकारी नेताओं की बड़ी बड़ी होर्डिंग निकालने में असमर्थ दिख रहे हैं। रायपुर में हाल कुछ ऐसा है कि चौक चौराहों पर होर्डिंग के कारण लोगों को तकलीफों का भी सामना करना पड़ता है। वहीं पोल, बिजली खम्भों में होर्डिंग्स लगाना सख्त मना है। अगर कोई यह गलती करता है तो निगम उस पर चालानी कार्रवाई कर सकता है। लेकिन रायपुर नगर निगम की ओर से ऐसी कोई कार्रवाई अबतक देखने को नहीं मिली है।
कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
राजधानी रायपुर में नेताओं का जमावड़ा लगता ही रहता है। चाहे वह लोकल हो या नेशनल... बीजेपी कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व रायपुर में शिरकत जरूर करते हैं ऐसे में उनके प्रचार प्रसार के लिए और पार्टी में अपना नंबर बढ़ाने के लिए लोकल नेता बड़ी-बड़ी होर्डिंग्स लगवाते हैं। लेकिन नेता अक्सर यह बात भूल जाते हैं कि नियम कानून क्या कहते हैं? दिग्गज नेताओं के स्वागत के लिए शहरभर में पोस्टरबाजी की जाती है। सड़क के किनारे लगे बिजली के खम्भों और चौक चौराहों को भी नहीं छोड़ा जाता। जिसके बाद रायपुर निवासियों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है। कई चौक में तो होर्डिंग्स रोड के कुछ हिस्से को ही दबा दिए हैं। जिसके बाद कभी भी बड़ा हादसा होने की संभावना बढ़ गई है।
क्या बोले नगर निगम के अधिकारी?
पूरे मामले में संबंधित अधिकारी से डिवाइडरों में लगे अवैध होर्डिंग्स के बारे में पूछा गया तो अधिकारी का सीधा जवाब था कि नेताओं की होर्डिंग कौन निकाल सकता है? इसमें कोई रिश्क नहीं ले सकते.. साथ ही अवैध होर्डिंग्स से होने वाली दुर्घटना का जिम्मेदार भी होर्डिंग लगाने वाला ही होगा। वहीं निगम केवल किसी एजेंसी के लगाए गए अवैध होर्डिंग्स पर ही कार्रवाई करता है।
क्या है नगर निगम के नियम?
होर्डिंग लगाने के लिए नगर निगम के द्वारा टेंडर जारी किया जाता है। निगम के द्वारा शहर में होर्डिंग बोर्ड की जगह निर्धारित की गई है। नगर निगम के बनाए हुए मानकों के आधार पर एजेंसियों को टेंडर पास किया जाता है। किसी भी जगह पर होर्डिंग लगाने के लिए नगर निगम को उसका स्ट्रक्चर डिजाइन सर्टिफाईड इंजीनियर से बनवाकर देना होता है। क्योंकि ज्यादातर होर्डिंग्स हवा के दबाव की वजह से गिरते हैं। यदि वह होर्डिंग नगर निगम के बनाए हुए मानकों के हिसाब से खरी उतरती है तभी उसे मान्य किया जाता है। साथ ही निगम की नियम और शर्तों के अनुसार अवैध होर्डिंग लगाने पर भी 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाता है। किसी घटना में जान-माल की हानि होने पर जिम्मेदारी एजेंसियों की होती है। उन्हे ही पीडितों को मुआवजा देना होता है।