SAKTI. सक्ती की नगर पंचायत चंद्रपुर के अध्यक्ष की कुर्सी खतरे में है, क्योंकि यहां के ज्यादातर पार्षद विरोध में उतर गए हैं। इन पार्षदों ने सक्ती कलेक्टर को अविश्वास प्रस्ताव के लिए आवेदन भी दे दिया है। इसके बाद अब खबर है कि आने वाले 10 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान किया जाएगा।
गरमा गई है चंद्रपुर की राजनीति
सक्ती जिले के प्रमुख धार्मिक नगर चंद्रपुर की राजनीति गरमा गई है। वर्तमान में बीजेपी समर्थित अध्यक्ष अनिल अग्रवाल को हटाने के लिए नगर पंचायत के 13 पार्षद लामबंद हो गए हैं। उनका कहना है कि नगर में विकास कार्य नहीं हो पा रहा है। साथ ही पार्षदों को विश्वास में नहीं लिया जाता है। इस संबंध में सक्ती कलेक्टर को आवेदन दिया गया था, जिसके लिए सक्ती कलेक्टर ने अविश्वास प्रस्ताव सम्मेलन कराने के लिए डभरा एसडीएम दिव्या अग्रवाल को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया है। 10 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव सम्मेलन के लिए मतदान होना है, मामले में अध्यक्ष अपनी कुर्सी बचा पाते हैं या पार्षद अपनी मुहिम में सफल होते हैं, ये देखने वाली बात होगी।
ये खबर भी पढ़िए..
रायपुर में CM भूपेश ने कहा- अब ओके वाली सरकार, इसलिए महाराष्ट्र नहीं जाती ईडी, BJP नेताओं का नाम इसलिए महादेव ऐप पर कार्रवाई नहीं
पत्थलगांव नगर पंचायत में भी लाया गया था अविश्वास प्रस्ताव
आपको बता दें कि इससे पहले पत्थलगांव नगर पंचायत में भी अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित किया गया था। पत्थलगांव नगर पंचायत में बीजेपी की अध्यक्ष सुचिता एक्का के विरोध में बीजेपी के ही पार्षदों ने मोर्चा खोल दिया था। हालांकि बीजेपी के जिला प्रभारी, नाराज पार्षदों को मनाने में जुटी थी, लेकिन प्रस्ताव के पक्ष में 12 वोट मिलने से अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की लगातार समझाइश को भी पार्षदों ने अनदेखा कर दिया था और अविश्वास प्रस्ताव पारित कर दिया। इस नगर पंचायत में बीजेपी के 9, कांग्रेस के 5 और 1 निर्दलीय पार्षद थे।