Raipur. प्रदेश के दुर्ग में महादेव बुक सट्टा एप मामले में दुर्ग पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है।अब इस मसले में ईडी भी शामिल हो गई है। खबरें हैं कि ईडी लगातार इस मामले में दुर्ग पुलिस से लिखित जानकारी और अभिलेख हासिल कर मामले की जाँच में जुटी हुई है। खेल में सट्टा लगाने के इस मामले में दुर्ग पुलिस अब तक क़रीब 200 करोड़ से उपर के ट्रांजेक्शन को पकड़ चुकी है।हालांकि प्रवर्तन निदेशालय की ओर से इस तरह की कोई अधिकृत सूचना नहीं है।
क्या है महादेव बुक एप
यह खेल पर लगने वाला सट्टा है। इसमें संचालन करने वाले दुबई में बैठे हैं। इसके दो प्रमुख संचालक हैं जिनमें एक का नाम सौरव चंद्राकर और दूसरे का नाम रवि उप्पल है।यह दोनों दुर्ग के ही रहने वाले हैं। महादेव सट्टा मोबाईल पर एप के फ़ॉर्मेट में काम करता है। इसकी एजेंसी के लिए पंद्रह लाख तक की ज़मानत राशि ली गई, हालाँकि अब यह राशि पाँच लाख तीन लाख के आसपास है। जिनके पास एजेंसी है, उनके पास पैनल है। हर पैनल वाले के पास अपना मोबाइल नंबर है। व्हाट्सएप के ज़रिए पैनल वाला एक एकाउंट नंबर सट्टा खेलने वाले को भेजता है। एक निश्चित राशि पहले वहाँ जमा करनी होती है। राशि जमा होते ही फिर से एक नया लिंक भेजा जाता है जिसके बाद ग्राहक सट्टा खेलता है। राशि बैंक खाते में जमा होती है, और उस डिपॉजिट एकाउंट में जैसे ही रक़म क़रीब पाँच से आठ लाख होती है, वहाँ से पैसा कार्पोरेट एकाउंट में ट्रांसफ़र होता है।यह कार्पोरेट एकाउंट मुंबई और कलकत्ता में संचालित हैं। इन कार्पोरेट एकाउंट से पैसा विदेश पहुँचता है।
दुर्ग पुलिस ने इस मामले में ताबड़तोड़ कार्यवाही की है। अब तक क़रीब पंद्रह लोकेशन पर जो छत्तीसगढ़ के अलग अलग शहर में है, वहाँ पुलिस ने छापा मारकर कार्यवाही की है। अब तक क़रीब 90 लोगों को पुलिस गिरफ़्तार कर चुकी है। दुर्ग एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने द सूत्र से कहा
“ दुर्ग पुलिस लगातार कार्यवाही कर रही है।हमने 15 ब्रांच पर छापा मारकर क़रीब 90 लोगों को पकड़ा है।हर ब्रांच से औसतन क़रीब तीन करोड़ का ट्रांजेक्शन हमने पकडा है।यह पैसे जिन बैंक खातों में जमा होते हैं वस्तुतः उस खाताधारक को पता ही नहीं चलता कि उसके नाम से कोई खाते में लाखों रुपए आ रहे हैं। हमने ऐसे कई खाताधारक से पूछताछ की तो वे बिल्कुल अनभिज्ञ थे। हम इसमें धारा 420 के तहत कार्यवाही कर रहे हैं।अब तक हमने क़रीब 150 खाते पकड़े हैं जिनमें दो सौ करोड़ से उपर का लेन देन है।”
ED कैसे आई
महादेव सट्टा एप में ऐसे संकेत हैं कि क़रीब चार हज़ार करोड़ का कारोबार हुआ है। यह पैसा बड़ी मात्रा में विदेश भी गया। ईडी ने बड़ी मात्रा में प्रवर्तन देख इस मामले में हस्तक्षेप किया है। सूत्रों के अनुसार ईडी ने इस मामले में लिखित में जानकारी माँगी और हर अभिलेख लेते जा रही है।
मामला सामने कैसे आया
सट्टे के इस हाईटैक मामले को लेकर कार्यवाही अचानक कैसे शुरु हुई, इसे लेकर भी कई सूचनाएँ अफ़वाहों के अंदाज में तैर रही हैं।अफवाहनुमा सूचनाएँ हैं कि इसमें प्रभावशाली राजनीतिज्ञों की भुमिका थी, जो पहले लाभान्वित होते रहे और फिर आपसी प्रतिद्वंदिता में इस मामले का खुलासा हो गया। चर्चाओं में तैरती यह बात भी है कि सेवा शुल्क का सही वितरण नहीं हुआ इसलिए भी यह मामला फूट गया। लेकिन यह सारी केवल चर्चाएं या गॉसिप हैं, क्योंकि इन चर्चाओं के पीछे तथ्य फ़िलहाल तो कम से कम नहीं मिलता है।
ईडी की ओर से अधिकृत सूचना नहीं
महादेव सट्टा एप के इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से कोई अधिकृत सूचना सार्वजनिक नहीं है। प्रवर्तन निदेशालय की सक्रियता की पुष्टि पुलिस विभाग में पदस्थ सूत्र जरुर कर रहे हैं।