DHAMTARI. धमतरी जिले के कृषि उपज मंडी कुरूद में व्यापारियों ने दो दिनों के लिए धान खरीदी को बंद कर दिया है। धान खरीदी पर मंडी शुल्क और कृषक कल्याण शुल्क में बढ़ोतरी को लेकर व्यापारी विरोध रहे हैं और शुल्क को कम करने की मांग कर रहे हैं। व्यापारियों की हड़ताल से धान लेकर मंडी आए किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही मंडी के हमाल और रेजा को भी दो दिन बेकार बैठना पड़ेगा।
यह है पूरा मामला
व्यापारियों ने बताया कि पहले सभी धान व्यापारी जो धान खरीदी करते हैं। उसके धान के मूल्य पर 2 प्रतिशत मंडी शुल्क देना होता था। लेकिन शासन द्वारा 1 दिसंबर से जारी आदेश के तहत सभी धान खरीदी करने वाले व्यापारियो को धान के मूल्य पर 3 प्रतिशत मंडी शुल्क और 2 प्रतिशत कृषक कल्याण शुल्क लगा दिया गया है। अब व्यापारियों को 5 प्रतिशत शुल्क देना होगा। इसके चलते व्यापारी विरोध कर रहे हैं।
बता दें कि प्रदेश में बीते एक नवंबर से धान खरीदी जारी है। इसके पहले मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिए हैं कि वे अपने जिले के मिलर्स की बैठक लेकर उपार्जन केन्द्रों से धान उठाव और भारतीय खाद्य निगम और नागरिक आपूर्ति निगम में चावल जमा करने की लगातार मॉनिटरिंग करें। उन्होंने नए धान खरीदी केन्द्रों में धान उपार्जन की व्यवस्था की भी मैदानी अमलों के जरिए लगातार निगरानी रखने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव आज यहां मंत्रालय महानदी भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य में खरीफ वर्ष 2022-23 में धान खरीदी के संबंध में कमिश्नर और कलेक्टरों की बैठक में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की समीक्षा कर रहे थे।
शिकायतों का निराकरण
मुख्य सचिव ने किसान पंजीयन, गिरदावरी की शुद्धता एवं शिकायतों का निराकरण, समिति स्तर पर नए एवं पुराने बारदाने की व्यवस्था और समर्थन मूल्य में धान खरीदी के एवज में किसानों को निर्धारित समयावधि में राशि भुगतान की भी जानकारी ली। उन्होंने बैठक में सहकारी समिति स्तर पर धान की सुरक्षा एवं रखरखाव और सीमावर्ती जिलों में अन्य राज्यों एवं कोचियों-बिचौलियों द्वारा अवैध धान विक्रय पर नियंत्रण, समितियों से मिलर्स द्वारा धान उठाव और मिलर्स द्वारा भारतीय खाद्य निगम और नागरिक आपूर्ति निगम में चावल जमा की समीक्षा की।