BASTAR. छत्तीसगढ़ के बस्तर में कांगेर वैली नेशनल पार्क अपनी जैव विविधता के लिए पूरे देश में जाना जाता है। यहां पर चमगादड़ की एक ऐसी दुर्लभ प्रजाति देखने को मिली है जो आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। ये चमगादड़ काले नहीं बल्कि ऑरेंज कलर का है। ऑरेंज चमगादड़ ओडिसा और केरल में भी पाए जाते हैं। 2019 में केरल और 2020 में ओडिसा में ऑरेंज चमगादड़ देखा गया था।
ऑरेंज और काले रंग का चमगादड़
कांगेर वैली नेशनल पार्क में एक बेहद अनोखा चमगादड़ नजर आया है। ये आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। चमगादड़ पूरे काले रंग का नहीं बल्कि नारंगी और काले रंग का है। ये चमगादड़ देखने में ऐसा लगता है कि किसी कलाकार ने इसे खूबसूरती से पेंट कर दिया हो।
ऑरेंज चमगादड़ की खासियत
पक्षियों पर शोध कर रहे रवि नायडू ने मुताबिक इस रंग-बिरंगे प्रजाति के बैट को अभी तक कोई खास नाम नहीं दिया गया है। इसे पेंटेड बैट के नाम से जाना जाता है। ऑरेंज चमगादड़ का वैज्ञानिक नाम केरीवोला पीक्टा है। ऑरेंज चमगादड़ सिर्फ 5 ग्राम होता है। इसके 38 दांत होते हैं। ये चमगादड़ सिर्फ कीड़े-मकोड़े खाता है। चमगादड़ों की ये प्रजाति भारत और चीन समेत कुछ एशियाई राज्य में पाई जाती है। ये चमगादड़ ज्यादातर सूखे इलाकों या ट्रीहाउस में पाए जाते हैं।
चमगादड़ इतना खूबसूरत कि नेगेटिव बातें झूठी लगेंगी
चमगादड़ों के बारे में कई नेगेटिव बातें फैली हुई हैं। जैसे कि चमगादड़ अशुभ होता है लेकिन इस ऑरेंज कलर के चमगादड़ को देखकर सारी नेगेटिव बातें झूठी लगेंगी। हर जीव खूबसूरत होता है। कांगेर वैली नेशनल पार्क में करीब 200 प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं। कई प्रजातियों के सांप भी यहां पाए जाते हैं। कांगेर वैली नेशनल पार्क विभिन्न प्रजातियों की तितलियां पाई जाती हैं।
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आकर्षित करता है ऑरेंज चमगादड़
नेशनल पार्क क्षेत्र में रहने वाले समाजसेवी शकील रिजवी का कहना है कि पार्क में बेहद खूबसूरत और दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीव पाए जाते हैं। जब उन्होंने ऑरेंज चमगादड़ को देखा तो वे आकर्षित हुए। उनके मन में चमगादड़ को लेकर जो नेगेटिविटी थी वो दूर हो गई। कांगेर वैली नेशनल पार्क प्रबंधन को ऑरेंज चमगादड़ के संरक्षण के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।