RAIPUR. सुप्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा इन दिनों छत्तीसगढ़ में शिवमहापुराण कथा का वाचन कर रहे हैं जिसे सुनने के लिए दूर दूर से लोग रायपुर पहुंच रहे हैं। इसी बीच रायपुर में पंडित प्रदीप मिश्रा की पत्रकारवार्ता आयोजित की गई। इस दौरान उन्होंने धर्मांतरण को लेकर कहा कि जो धर्मांतरण करवा रहे हैं। पहले उनके माता पिता से पूछना चाहिए कि वो कौन से धर्म से थे? उनके दादा - परदादा कौन से धर्म के थे। ये उनकी विपरीत बुद्धि है उन्हें ऊपर से प्रेशर रहता है, उन्हें इतना माल दिया जाता है कि उन्हें धर्मांतरण कराना पड़ता है। वहीं उन्होंने ज्ञानवापी को लेकर भी बड़ा बयान दिया है और कहा कि पूरे विश्व की भूमि को कहीं से भी खोदेंगे तो शिव निकलेंगे। बाकी मूर्तियां बाद में प्रकट हुईं लेकिन भगवान शिव का वर्चस्व प्राचीन समय से ही रहा है। निर्णय तो भगवान शिव ही देंगे।
शुरुआती समय संघर्ष में बीता
उन्होने आगे कहा कि भगवान शिव को राम और कृष्ण का नशा है, भगवान शिव ने कोई नशा नहीं किया, चिलम और गांजा नहीं पिया, जब विष की बूंदे उत्पन्न हुई तो भांग उत्पन्न हुआ वो भगवान शिव के नजदीक में रखा हुआ है वे उसका सेवन नहीं करते। एक समय था जब पंडित प्रदीप मिश्रा के पास भोजन करने के भी पैसे नहीं थे, वे दूसरो के कपड़े पहनते थे, दूसरों की किताबों से पढ़ाई करते थे। पहले वे शिव मंदिरों में ही शिवमहापुराण का वाचन करते थे, फिर भगवान शिव की ऐसी कृपा हुई कि उन्होंने पेट तो भरा साथ ही जीवन भी संवार दिया। कथावाचक पंडित मिश्रा ने बताया कि उन्हें प्रसिद्धि हाल-फिलहाल में मिली है। उनका शुरुआती समय संघर्ष में बीता। बहन की शादी से जुड़ा किस्सा शेयर करते हुए उन्होंने कहा कि बहन की शादी के समय नगर में एक सेठ के यहां भी शादी हुई। तब मैंने अपने परिवार के साथ उनके पास जाकर गुजारिश की कि आप अपनी सजावट रहने दीजिए। मैं इसी में अपनी बहन की शादी करवा लूंगा। मैंने बस अपने कर्म पर भरोसा किया और भोलेनाथ पर विश्वास किया। हर व्यक्ति को चाहिए कि वह अपने कर्म पर ध्यान दे और भगवान पर विश्वास रखे।