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RAIPUR. छत्तीसगढ़ के तमाम पटवारी 15 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इसके चलते राजस्व मामलों से जुड़ा कामकाज ठप्प हो गया है। प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में इनका धरना प्रदर्शन सोमवार से शुरू हुआ। रायपुर के पटवारी तूता धरना स्थल पर प्रदर्शन करेंगे। इनकी 13 सूत्रीय मांगों में सबसे बड़ी मांग पदोन्नति और कार्यस्थल और वहां की सुविधाओं को लेकर है।
चपरासी भी होता है प्रमोट-पटवारी
पटवारियों का कहना है कि पूरे सरकारी सेवाओं में अकेला पटवारी ऐसा पद है, जहां व्यक्ति भर्ती भी पटवारी पद पर होता है और रिटायर भी पटवारी पद से ही होता है, जबकि मंत्रालय या दूसरी जगहों पर चपरासी भी प्रमोट होकर बाबू और उससे उच्च का अधिकारी बन जाता है। लिहाजा, पटवारियों को भी प्रमोट कर नायब तहसीलदार और राजस्व अधीक्षक बनाया जाए।
सब काम ऑनलाइन लेकिन नहीं मिला कम्प्यूटर
दूसरी बड़ी मांग कार्यस्थल से जुड़ा है। इन्हें ना तो कोई कार्यालय दिया जाता है, ना ही कंप्यूटर, लैपटॉप या टैबलेट जैसी सुविधाएं दी जाती हैं, जबकि राजस्व से जुड़ा हर काम ऑनलाइन कर दिया गया है। इसके अलावा, भुंईया सॉफ्टवेयर की दिक्कत, वेतन विसंगति, नक्सल क्षेत्र भत्ता जैसी अन्य मांग भी शामिल हैं।
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600 से ज्यादा कर्मचारियों की हड़ताल
वहीं, सोमवार से क्रेडा विभाग में काम करने वाले 600 से ज्यादा कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी भी हड़ताल कर रहे हैं। नवा रायपुर के तूता धरना स्थल पर इनका प्रदर्शन है। 8 से 10 सालों के काम कर रहे ये कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट की जगह संविदा या नियमितिकरण की मांग कर रहे हैं।
ये हैं पटवारियों की प्रमुख मांगें
- वेतन विसंगति को दूर कर वेतन में बढ़ोत्तरी की जाए।