Raipur. पीसीसी के संगठन महामंत्री अमरजीत चावला की ओर से पीसीसी चीफ़ मोहन मरकाम को लिखे पत्र को लेकर पीसीसी चीफ़ मोहन मरकाम ने दो टूक अंदाज में कहा है
“निर्णय हमें और केंद्रीय नेतृत्व को करना है, उन्होंने इच्छा ज़ाहिर की है, निर्णय हमें करना है”
पीसीसी चीफ़ मरकाम के इन शब्दों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि, संगठन महामंत्री अमरजीत चावला ने पत्र लिखकर जो बातें कहीं हैं, वह कम से कम अभी तो स्वीकार नहीं हुई है, और इस पर निर्णय व्यापक मंथन के बाद होगा। पीसीसी महामंत्री अमरजीत चावला ने पत्र लिखकर आग्रह किया था कि,राष्ट्रीय कार्यसमिति के लिए बनी समितियाें में दिए दायित्वाें से उन्हे मुक्त कर दिया जाए।पीसीसी चीफ मोहन मरकाम के करीबी अमरजीत चावला के खिलाफ सीएम बघेल ने AICC में शिकायत की जिसके बाद अनुशासन समिति ने अमरजीत चावला को शाे कॉज जारी कर जवाब तलब किया है। पीसीसी चीफ मरकाम को लिखे पत्र में अमरजीत चावला ने इस का उल्लेख करते हुए दुख जाहिर किया था और पत्र में लिखा था कि, पता नही किस गलतफहमी में मेरे खिलाफ अनुशासन समिति में शिकायत हुई जिसके कारण से मुझे नोटिस जारी हुई जिसका मुझे बेहद दुख है।
क्या मसला हुआ
संगठन महामंत्री अमरजीत चावला के खिलाफ सीएम भूपेश बघेल ने शिकायत की जिसपर एआईसीसी की अनुशासन समिति के सचिव तारिक अनवर ने कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। इस शो कॉज में अमरजीत चावला के विरुध्द तीन बिंदुओं में आरोप उल्लेखित था जिसमें कि, अमरजीत चावला द्वारा पीसीसी में बैठकर सीएम बघेल के विरुध्द अभियान चलाना, आरक्षण संशोधन विधेयक पर राज्य सरकार की राय से उलट राज्यपाल की भुमिका की तारीफ़ करना जैसे गंभीर प्रकृति के आरोप शामिल थे।
यह पहला मौक़ा था जबकि पीसीसी के संगठन महामंत्री के खिलाफ मुख्यमंत्री ने शिकायत कर दी हो। लेकिन इस में नया मोड़ आ गया जबकि, शो कॉज नोटिस जारी करने वाले तारीक अनवर ने पीसीसी कार्यालय में मीडिया से कहा
“शिकायत आई तो नोटिस दिया गया है, अब नोटिस का जवाब आएगा तो अनुशासन समिति उसका परीक्षण करेगी”
इस बयान के कुछ ही घंटो के भीतर कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन की तैयारी और आयोजन के लिए बनी तेरह समितियों में से प्रमुख चार समितियों में अमरजीत चावला को प्रमुख दायित्व दे दिया गया। इस पर बवाल खड़ा हो गया। सीएम बघेल समर्थकों की ओर से आलोचनात्मक तरीक़े से सवाल खड़े किए गए।
सुबह पत्र लिख दिया अमरजीत ने
दो दिनों तक पीसीसी के भीतरखाने चल रही सुगबुगाहट और तमाम स्वरों की गूंज के बीच फिर नया बवाल हो गया जबकि अमरजीत चावला ने पीसीसी चीफ़ मरकाम को पत्र लिख दिया। हाथ से लिखे गए इस पत्र में अमरजीत चावला ने लिखा
“…ये सौभाग्य की बात है कि,प्रदेश में पार्टी का पूर्णकालिक अधिवेशन हो रहा है और पार्टी की कृपा से मुझे भी बहुत सी जिम्मेदारियां दी गई है।चूंकि मैं बीते तीस साल से पार्टी का समर्पित सिपाही हूं पर ना जाने किस गलत फहमी से मेरे खिलाफ अनुशासन समिति में शिकायत हुई,जिसके कारण से मुझे नोटिस जारी की गई है,जिसका मुझे बेहद दुख और अफसोस है।…चूंकि अधिवेशन गर्व का विषय है अतः मेरा आपसे विनम्र निवेदन है चूंकि मुझे नोटिस मिली है अतः मेरा कार्यभार लेना मुझे उचित प्रतीत नहीं होता,अतः अधिवेशन तक मुझे समिति के कार्यों से मुक्त रखें। समिति में स्थान देने के लिए धन्यवाद”
क्या बोले पीसीसी चीफ़ मरकाम
जबकि यह पत्र सामने आया, पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने सधे अंदाज में इस पर एक प्रकार से निर्णय देते हुए कहा
“संगठन की अन्य गतिविधियाँ भी होती हैं, उन गतिविधियों में भी काम करना रहता है। उन्होंने कहा है कि जो ज़िम्मेदारियाँ दी गई हैं उनसे मुक्त किया जाए, लेकिन यह निर्णय तो मुझे करना है, और हमारे केंद्रीय नेतृत्व को करना है कि, मुक्त करना है नहीं करना है, उन्होंने इच्छा ज़ाहिर की है ”
इसके मायने क्या
पीसीसी चीफ़ मोहन मरकाम के बयान के मायने क्या हैं तो इसके साफ़ मायने कम से कम फिलहाल तो यही है कि, कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन की तैयारियों और आयोजन के लिए जिन चार समितियों में अमरजीत चावला को अहम भुमिका दी गई है, वे उस पर काम करते रहेंगे क्योंकि पीसीसी चीफ़ मरकाम ने उनकी इच्छा को फ़िलहाल मंज़ूरी नहीं दी है। संगठन महामंत्री अमरजीत चावला ने कहा
“मैं अनुशासित सिपाही हूँ, जो संगठन के अध्यक्ष निर्देश देंगे वो मैं करुंगा। मैंने उन्हे पत्र लिखकर अपनी भावनाएँ व्यक्त कर दी हैं, उन्होंने जो कहा है उसका पालन होगा। मैं उनका निर्णय आते तक राष्ट्रीय अधिवेशन की समितियों में दिए गए दायित्वों का निर्वहन करुंगा”
सात दिन बाद है राष्ट्रीय अधिवेशन
रायपुर में कांग्रेस का 85 वाँ अधिवेशन 24 फ़रवरी से शुरु होगा, जो कि 26 फ़रवरी तक चलेगा। कांग्रेस का यह राष्ट्रीय अधिवेशन नई चुनौतियों से लड़ने की रीति नीति तय करेगा, इस अधिवेशन के ज़रिए जनता के बीच विश्वसनीयता फिर से बेहतर तरीक़े से हासिल करने की क्या क़वायद हो इसे तय किया जाना है। कांग्रेस के सारे दिग्गज नेताओं की मौजूदगी सातवें दिन छत्तीसगढ़ में होगी, ज़ाहिर है ऐसे में यह मसला जितना उछलेगा किरकिरी उतनी होगी।