RAIPUR. छत्तीसगढ़ में इस बार भी होली पर जमकर शराब की बिक्री हुई है। हालांकि इसके आकंड़े अब तक नहीं आए हैं, लेकिन राज्य में शराबबंदी को लेकर राजनीतिक बयानबाजी होली के बाद जरूर शुरू हो गई हैं। ये बयानबाजी छत्तीसगढ़ में शराबबंदी के लिए बनाई गई कमेटी के बिहार दौरे के चलते सामने आ रही है। राज्य के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने सरकार की घोषणा के अनुरूप राज्य में शराबबंदी के लिए प्रयास किए जाने की बात कही है। इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी समेत सभी विपक्षी दलों पर शराबबंदी के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।
कमेटी के लिए विपक्षी पार्टियों ने सदस्यों के नाम तक नहीं भेजे
मंत्री कवासी लखमा का कहना है कि विधानसभा की इस कमेटी में सत्ता पक्ष के साथ ही सभी विपक्षी दलों को भी शामिल किया गया है। वहीं बसपा ने अपने सदस्य का नाम दिया,लेकिन आज तक वे एक भी बैठक में शामिल नहीं हुए। इसी तरह जकांछ और बीजेपी ने अपने सदस्यों का नाम ही नहीं भेजा। मंत्री लखमा के मुताबिक शराबबंदी के लिए कांग्रेस सरकार गंभीर है। इसलिए विपक्षी दलों का सहयोग नहीं मिलने के बाद भी टीम ने गुजरात का दौरा किया और अब बिहार के दौरे पर है। इस टीम में वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा के साथ विधायक और आबकारी विभाग के अधिकारी शामिल है।
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सरकार शराबबंदी के लिए प्रयासरत, अब मिजोरम जाएगी
आबकारी मंत्री लखना का कहना है कि कांग्रेस सरकार शराबबंदी के लिए लगातार प्रयास कर रही है। बिहार दौरे के बाद टीम मिजोरम का भी दौरा करेगी, क्योंकि मिजोरम ऐसा राज्य है जहां पर कुछ हिस्सों में शराबबंदी है, तो कुछ हिस्सों में शराबबंदी नहीं है। इन तीनों राज्यों की रिपोर्ट के आधार पर सरकार फैसला करेगी की छत्तीसगढ़ में किस तरह से शराबबंदी करनी है।
सरकार ने विश्वास तोड़ा है
इस मामले में बीजेपी नेता एवं सांसद सुनील सोनी का कहना है कि कांग्रेस नेताओं ने हाथ में गंगाजल लेकर शराबबंदी करने की कसम खाई थी। इन्होंने माता-बहनों का विश्वास तोड़ा है। इसका खामियाजा कांग्रेस सरकार को आने वाले चुनाव में भुगतना पड़ेगा।