रायपुर में राहुल गांधी बोले- भारत जोड़ो यात्रा में लोगों का दर्द समझा, 52 साल हो गए मेरे पास अपना घर नहीं है

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The Sootr
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रायपुर में राहुल गांधी बोले- भारत जोड़ो यात्रा में लोगों का दर्द समझा, 52 साल हो गए मेरे पास अपना घर नहीं है

RAIPUR. राजधानी रायपुर में चल रहे कांग्रेस के 85वें अधिवेशन का आज आखिरी दिन है। रविवार को अधिवेशन की शुरुआत प्रियंका गांधी की स्पीच के साथ हुई। इसके बाद राहुल गांधी ने संबोधित किया। राहुल ने भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि 'मैं सोचता था कि मैं फिट हूं, 20-25 किलोमीटर चल लूंगा। लेकिन यात्रा शुरू होते ही घुटने का पुराना दर्द लौट आया। एक पुरानी चोट थी, जो कॉलेज में फुटबॉल खेलते समय घुटने में लगी थी। कई सालों तक दर्द गायब हो गया था, लेकिन जैसे ही मैंने यात्रा शुरू की, अचानक दर्द वापस आ गया। आप मेरे परिवार हो, इसलिए आपके कह सकता हूं। सुबह उठकर सोचता था कि कैसे चला जाए। फिर सोचता था कि 25 किलोमीटर की नहीं, 3 हजार 500 किलोमीटर की बात है. कैसे चलूंगा? इससे पहले मुझे अहंकार था कि मैं चल लूंगा, जो कि यात्रा के दौरान टूट गया।  मुझे  भारत माता ने संदेश दिया- तुम अगर कन्याकुमारी से कश्मीर तक चलने निकले हो तो दिल से अहंकार मिटाओ, वर्ना मत चलो। ये बात सुनकर मेरे जेहन में अंदर तक उतर गई और मैंने इस यात्रा को पूरा किया। इससे पहले मुझे अहंकार था कि मैं चल लूंगा, जो कि यात्रा के दौरान टूट गया।




— Congress (@INCIndia) February 26, 2023



52 साल हो गए मेरे पास घर नहीं...



राहुल गांधी ने कहा, "52 साल हो गए मेरे पास घर नहीं है, आज तक घर नहीं है।  हमारे परिवार का जो घर है वो इलाहाबाद में है और वो भी हमारा घर नहीं है। जो घर होता है उसके साथ मेरा बड़ा अजीब से रिश्ता है। मैं जहां रहता हूं वो मेरे लिए घर नहीं है, तो जब मैं कन्याकुमारी से निकला, मैंने खुद से पूछा कि मेरी जिम्मेदारी क्या बनती है। मैं भारत को समझने के लिए निकला हूं। हजारों-लाखों लोग चल रहे हैं, मेरी क्या जिम्मेदारी है।"



4 महीने के लिए भारत की सड़कें मेरा घर थी: राहुल



राहुल गांधी ने आगे कहा, "बहुत सोचने पर मेरे दिमाग में आइडिया आया और मैंने अपने ऑफिस के लोगों से कहा कि यहां हजारों लोग चल रहे हैं, धक्का लगेगा, लोगों को चोट लगेगी, तो हमें एक काम करना है। मेरे साइड में और आगे 20-25 फीट, खाली जगह पर हिंदुस्तान के लोग हमसे मिलने आएंगे, अगले चार महीने के लिए यही हमारा घर है। मतलब ये घर हमारे साथ सुबह से शाम तक चलेगा।" 



राहुल ने यात्रा के दौरान का कश्मीर का किस्सा सुनाया 



राहुल ने कहा कि कश्मीर में हम घुसते हैं तो बर्फ है, धूप है और हजारों लोग हमारे साथ चल रहे हैं। एक लड़का साथ में चलता है और कहता है कि राहुल जी एक सवाल पूछना चाहता हूं। राहुलजी जब कश्मीर के लोगों को दुख होता है, जब हमारे दिल में चोट लगती है तो बाकी हिंदुस्तान के लोगों को खुशी क्यों होती है। मैंने कहा, गलतफहमी में हो। ऐसी कोई बात नहीं है। मैं दावा कर सकता हूं कि करोड़ों लोगों के दिल में ये भावना नहीं है। हर हिंदुस्तानी के दर्द के साथ लोग खड़े हैं। मैंने कहा कि चुने हुए लोग हैं, जो खुश होते हैं। हजारों में होंगे लेकिन देश में करोड़ों लोग हैं। वह मुझसे कहता है कि आपने मुझे खुश कर दिया। 



राहुलजी ने कांग्रेस की विचारधारा की लकीर खींचकर दिखाई



कार्यक्रम में राहुल गांधी से पहले प्रियंका गांधी ने कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंन कहा कि कांग्रेस का कार्यकर्ता कौन है, वो अनोखे लाल हैं, जो कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक झंडे को लेकर चले। वो दिनेश हैं, जो इसी तरह से देश के ध्वज को लेकर नंगे पाव लेकर चले। ऐसे कई नाम हैं। यूपी में हम मजाक में कहते हैं, ये लाइफ लॉन्ग कांग्रेस सफर होता है। जो कार्यकर्ता आजीवन अपने वजूद के लिए संघर्ष करता है मैं उसके पक्ष में बोलना चाहती हूं। जब भी हम इकट्ठे होते हैं। नए-नए प्रस्ताव लाते हैं। हमने कहा है कि मंडल, ब्लॉक तक संगठन बनाना है, लेकिन यह कागज पर ही नहीं होना चाहिए। भारत जोड़ो यात्रा निकली। इसमें राहुलजी ने कांग्रेस की विचारधारा की लकीर खींचकर दिखाई। जो बहुत समय से नहीं हुआ था। उन्होंने करके दिखाया।

 




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