छत्तीसगढ़ रामायण महोत्सव में सीएम भूपेश बघेल, बोले- भगवान राम के चरित्र में देखने मिलता है छत्तीसगढ़ का अंश

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Harmeet
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छत्तीसगढ़ रामायण महोत्सव में सीएम भूपेश बघेल, बोले- भगवान राम के चरित्र में देखने मिलता है छत्तीसगढ़ का अंश


Raipur. छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव आज से शुरू हो गया है। कार्यक्रम के पहले दिन कंबोडिया रामायण टीम ने अहिरावण प्रसंग की संगीतमय प्रस्तुति की है। महोत्सव को संबोधित करते हुए सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के चरित्र में छत्तीसगढ़ का अंश दिखता है।




मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का संवाद



छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव रायगढ़ में आयोजित हो रहा है। रायगढ़ जिला कला और साहित्य का नगरी जहां राजा चक्रधर कत्थक नृत्य और रायगढ़ घराना के नाम से जाना जाता है। यहां के साहित्यकार के नाम से रायगढ़ जाना जाता है। छत्तीसगढ़ के इसी जिले में फेल चित्र भी मिलते हैं। इससे यह पता चलता है कि हमारा रायगढ़ कितनी प्राचीन नगरी है और यहां की संस्कृति कितनी प्राचीन है। छत्तीसगढ़ माता कौशल्या का प्रदेश माता शबरी का प्रदेश और यहां आदिकाल से निवास कर रहे आदिवासियों का प्रदेश है।




भक्तिभाव से सराबोर हुई रायगढ़ की भूमि




राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में भजन गायक दिलीप षडंगी ने हनुमान चालीसा की मनमोहक प्रस्तुति दी है। इस अवसर पर हनुमान जी मंच से आशीर्वाद देते रहे और भक्तगण सामूहिक गान करते रहे।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ मंत्रीगण और विशिष्ट अतिथियों ने सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया है। राष्ट्रीय रामायण महोसत्व की शुरुआत से रायगढ़ की भूमि भक्ति भाव से सराबोर हो गई है।



भगवान राम में दिखता है छत्तीसगढ़ का अंश



मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने सम्बोधन में कहा है कि राम सबके हैं, निषादराज के हैं, शबरी के हैं, सब उनमें आत्मीयता महसूस करते हैं। भगवान राम साकार भी हैं, निराकार भी हैं। राम को मानने वाले उन्हें दोनों स्वरूपों में मानते हैं। हमारी सुबह राम से होती है, शाम रामायण से।

हमारा प्रदेश कौशल्या माता का प्रदेश है। कहाँ भगवान राम का राजतिलक होना था लेकिन वे वनवास गए। निषादराज से मिले, शबरी से मिले। ऋषि मुनियों से मिले। कितनी कठिनाई झेली पर अपनी मर्यादा नहीं खोई। उन्होंने वनवास का 10 साल यहां गुजारा। छत्तीसगढ़ में उन्होंने इतने बरस गुजारे। हमारा रिश्ता वनवासी राम के साथ कौशल्या के राम से भी है इसलिए वे हमारे भांजे हैं,  इसलिए हम भांजों का पैर छूते हैं।  छत्तीसगढ़ का कुछ न कुछ अंश भगवान राम के चरित्र में देखने को मिलता है। हमारा रिश्ता राम से केवल वनवासी राम का नहीं है। बल्कि हमारा रिश्ता शबरी के राम, कौशल्या के राम के रूप में भी है


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