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RAIPUR. छत्तीसगढ़ में दोगुनी छात्रवृत्ति देने की मांग को लेकर 19 जनवरी गुरुवार से 3 हजार जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार सुबह 8 बजे से ही धरना-प्रदर्शन के लिए जूनियर डॉक्टर पहुंचे हैं। डॉक्टरों की इस हड़ताल की वजह से अंबेडकर अस्पताल में व्यवस्था बिगड़ने की आशंका बनी हुई है। जूनियर डाक्टरों के हड़ताल पर जाने से अस्पताल की ओपीडी और इमरजेंसी सेवाएं प्रभावित होंगी। हड़ताल पर पहुंचे जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि छत्तीसगढ़ के मुकाबले कई राज्यों में जूनियर डॉक्टरों को ज्यादा छात्रवृत्ति मिल रही है। एम्स की तर्ज में हमें भी दोगुनी छात्रवृत्ति मिलनी चाहिए।
जूड़ा की हड़ताल से ओपीडी और इमरजेंसी सेवाएं होंगी प्रभावित
रायपुर नेहरू मेडिकल कॉलेज और अंबेडकर अस्पताल के 350 से ज्यादा जूनियर डॉक्टर और150 से ज्यादा इंटर्न डॉक्टर भी इस हड़ताल में शामिल हो रहे हैं। इससे ओपीडी समेत ऑपरेशन थिएटर में सर्जरी से लेकर लैब में ब्लड जांच, सोनोग्राफी से लेकर एमआरआई और सीटी स्कैन की जांच और रिपोर्टिंग प्रभावित हो सकती है। जूड़ा ने इमरजेंसी सेवा से भी बाहर रहने का निर्णय लिया है। बीते दिन बुधवार को जूडा ने स्वशासी समिति की बैठक में कॉलेज पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से भी चर्चा की, लेकिन बात नहीं बन पाई। वे स्टायपेंड नहीं बढ़ाने पर नारेबाजी भी करने लगे।
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56 से 60 हजार स्टायपेंड हर माह
जूनियर डॉक्टरों का स्टायपेंड 54 हजार से 60 हजार रुपए मासिक है। इसके बाद भी वे स्टायपेंड बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। जूड़ा का कहना है कि दूसरे राज्यों की तुलना में स्टायपेंड कम है। वे दूसरे राज्यों की तरह स्टायपेंड चाहते हैं। इस मामले में वे पहले भी स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर स्टायपेंड बढ़ाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन मांग पूरी नहीं हुई।
अभी ये मिल रहा स्टायपेंड
इंटर्न- 12500
जूड़ा फर्स्ट ईयर- 53 हजार
जूड़ा सेकेंड ईयर- 56 हजार
जूड़ा थर्ड ईयर- 59 हजार