RAIPUR. विधानसभा चुनाव के नजदीक आते-आते चुनावी बयानबाजी भी तेज हो गई है। इसके साथ ही बीजेपी-कांग्रेस अपने नेताओं के कद की बात करने लगे हैं। दरअसल, इन दिनों छत्तीसगढ़ के बीजेपी प्रभारी ओम माथुर प्रदेश दौरे पर हैं और जगह-जगह बैठकें ले रहे हैं, कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र भी दे रहे हैं। इस बीच, ओम माथुर ने आरक्षण विधेयक पर राज्यपाल के हस्ताक्षर नहीं होने पर कोई टिप्पणी देने से मना कर दिया। इस मामले में रायपुर में प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने पलटवार किया है।
ये बोले सुशील आनंद शुक्ला
कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि ओम माथुर ने बीजेपी की आरक्षण मुद्दे पर बदनीयती साफ कर दी है। बीजेपी में सीएम भूपेश बघेल के कद का कोई नेता नहीं है, इस सच्चाई को स्वीकार कर लिया है।
ये खबर भी पढ़ें...
'बीजेपी के इशारे पर आरक्षण विधेयक राजभवन में रुका'
कांग्रेस नेता ने कहा कि आरक्षण संशोधन विधेयक 1 महीने से भी अधिक समय से राजभवन में रोक कर रखा गया है। सारा प्रदेश इस मामले में बीजेपी की बदनीयती को जिम्मेदार ठहरा रहा है। इसके बावजूद बीजेपी प्रभारी का आरक्षण विधेयक पर कोई टिप्पणी नहीं किया जाना इस बात का प्रमाण है कि बीजेपी के इशारे पर ही आरक्षण विधेयक राजभवन में रुका है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ पर दौरे पर सुशील आनंद ने कहा कि वे बड़ी-बड़ी बातें करके गए थे, लेकिन आरक्षण विधेयक पर चुप्पी साधे रहे। बीजेपी नहीं चाहती छत्तीसगढ़ के आदिवासियों को 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत, ओबीसी को 27 प्रतिशत और गरीब सवर्णों को 4 प्रतिशत आरक्षण मिल पाए, इसीलिए राजभवन में विधेयक को रुकवा दिया है।
सीएम भूपेश के कद का बीजेपी में कोई चेहरा नहीं
कांग्रेस संचार प्रमुख ने कहा कि माथुर ने आगामी चुनाव में बीजेपी के किसी भी चेहरे को आगे नहीं करने की घोषणा करके इस बात को स्वीकार कर लिया कि बीजेपी के पास मुख्यमंत्री बघेल के कद का कोई चेहरा नहीं है, जिसको वो जनता के सामने रख सके। विपक्ष में रहने पर किसी भी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल का नेता स्वाभाविक चेहरा माने जाते हैं। उन्होंने कहा कि जनता 15 साल के कुशासन बनाम कांग्रेस के 4 साल के सुशासन की तुलना करना शुरू कर चुकी है।