RAIPUR. कोयला परिवहन मामले में जेल में बंद आईएएस समीर बिश्नोई, मास्टरमाइंड सूर्यकांत तिवारी, कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल और लक्ष्मीकांत तिवारी (सूर्यकांत का भाई) को प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने आज विशेष अदालत में पेश किया। सुनवाई के दौरान ईडी चारों आरोपियों के खिलाफ पुख्ता दस्तावेजी सुबूत पेश करने की तैयारी में हैं। हालांकि, तीनों लोगों ने जमानत मांगी है, जबकि सूर्यकांत के वकील ने कर्नाटक हाईकोर्ट में चल रहे मामले का हवाला देकर राहत मांगी है। अभी सूर्यकांत के मामले में बहस जारी है। सुनवाई से पहले सूर्यकांत तिवारी ने कहा कि मुझे इस मामले में फंसाया जा रहा है।
12 दिन की रिमांड अवधि पूरी
पिछले दिनों सूर्यकांत तिवारी ईडी की गिरफ्तारी से बचने के लिए जब अचानक कोर्ट पहुंचकर सरेंडर करना चाह रहा था तो कोर्ट ने यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है। तब ईडी ने सूर्यकांत को गिरफ्तार करने की कागजी कार्रवाई पूरी कर कोर्ट में पेश किया और पूछताछ के लिए 14 दिन की रिमांड मांगी थी। दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद कोर्ट ने 12 दिन की रिमांड मंजूर की थी, जिसकी अवधि पूरी हो गई है।
आरोपियों को फिर रिमांड पर मांग सकती है ईडी
बताया जा है कि ईडी एक बार फिर अदालत से सूर्यकांत तिवारी की रिमांड मांग सकती है। जेल भेजे गए आरोपियों के वकीलों ने उनको राहत दिलाने की कोशिश शुरू की है। बताया जा रहा है कि उनकी ओर से कुछ आवेदन अदालत में आयेगा। हालांकि जमानत को लेकर अभी तस्वीर स्पष्ट नहीं हो रही है।
छापे में मिला 200 करोड़ का अवैध हिसाब
कोयला कारोबार से जुड़े सूर्यकांत तिवारी के रायपुर व महासमुंद स्थित मकान में आयकर विभाग ने भी जांच पड़ताल की थी। कोरबा के भी कुछ कारोबारियों के ठिकानों पर रेड की कार्रवाई हुई। प्रदेश में हुई इस जांच के बाद आयकर विभाग की तरफ से कहा गया कि जांच में 200 करोड़ रुपये से अधिक के कलेक्शन के सबूत मिले थे।