RAIPUR. विधानसभा में पास होने के बाद भी आरक्षण संशोधन विधेयक अटका है। इस मामले में राज्यभवन और राज्य सरकार खुलकर आमने-सामने आ गई है। इस बीच, सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है। आज सीएम भूपेश बघेल ने बड़ा बयान दिया है। भूपेश ने कहा कि अब तक आरक्षण विधेयक राजभवन से हस्ताक्षर के बाद हमारे पास नहीं आया है। अब राज्यपाल के पास तीन विकल्प हैं... या तो वो विधेयक वापस करें यदि संतुष्ट नहीं हैं तो, दूसरा कि राष्ट्रपति को भेज दें, या फिर अनंतकाल तक अपने पास रखें, जब तक वो राज्यपाल है तब रख सकती हैं अपने पास। हमसे जो सवाल पूछे गए थे हम जवाब दे चुके हैं जबकि वो संवैधानिक नहीं था। इस मामले में पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने भी आरक्षण मामले में कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी वर्गों को ठग रही है।
राज्यपाल को विधेयक पर हस्ताक्षर करने कब कहेंगे: भूपेश
दरअसल, बेमेतरा जाने से पहले मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल ने कहा- राज्यपाल को संतुष्ट नहीं होना है जो उनको जवाब देना था, जानकारी देनी थी दे दी गई। अब संतुष्ट होना ही नहीं है, तो क्या करें, अब हो सकता है कि दूसरे सवाल पूछेंगे मतलब उनको वापस करना नहीं है, राष्ट्रपति को भेजना नहीं है। प्रश्न पूछने का बहाना है ताकि लोगों को बता सकें कि हमने सवाल पूछा है, पूछ लें मैं फिर जवाब दूंगा। मेरा सवाल भाजपा के लोगों से भी है कि राज्यपाल को विधेयक पर हस्ताक्षर करने कब कहेंगे।
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जानबूझकर आरक्षण विधेयक अटका रहे हैं
बीजेपी और राजभवन की ओर से जानबूझकर आरक्षण विधेयक अटका रहे हैं। इससे प्रदेश के युवाओं, सामाजिक वर्गों का नुकसान हो रहा है। उन्होंने बेमेतरा में भेंट मुलाकात कार्यक्रम में रवाना होने से पहले मीडिया से इस मसले पर बात की। मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि आरक्षण विधेयक विधानसभा में सभी दल के लोगों की सहमति से पास हुआ है, इससे बड़ा और क्या होगा, कोई दिक्कत कोर्ट आएगी तो हम लड़ने को तैयार हैं और कोर्ट की वजह से ही तो क्वांटिफायबल डाटा आयोग बनाया और उसके आधार पर आरक्षण लागू करने विधेयक आया। इसके बाद किसी को शक नहीं हो चाहिए, मगर विधिक सलाहकार को शक होने लगा, जो एकात्म परिसर भाजपा के कार्यालय में बैठता है, उसको विश्वास नहीं है, सवाल उठा रहे मतलब विलंब करना चाह रहे हैं।
पूर्व मंत्री बोले-32 फीसदी आरक्षण लागू नहीं होने पर सरकार दोषी
पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में 32 फीसदी आरक्षण लागू नहीं करने में सरकार दोषी है। हाईकोर्ट में उन्होंने बड़े वकीलों को खड़ा किया, सरकार के खजाने से फीस दिया। आदिवासी समाज को 32 परसेंट आरक्षण मिलता रहा। उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार श्वेत पत्र जारी करेगी। हमारी जानकारी में हाई कोर्ट में एडवेकेट जनरल तक खड़े नहीं हुए. सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण के विषय में स्टे क्यों नहीं मांगा। उन्होंने सरकार को पूरी तरह से दिवालिया और बदहाल करार देते हुए कहा कि यह प्रदेश में नौजवानों का करियर समाप्त करने वाली सरकार है। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट स्वयं पूछा कि 58 परसेंट बनाए रखने के लिए आपने पास कोई दस्तावेज है, तो उनके पास कोई दस्तावेज नहीं है। 4 सालों में जीवित आरक्षण को निरस्त कर दिया। सभी प्रकार के वर्गों को सरकार ठग रही है।