नितिन मिश्रा, Raipur. कर्नाटक की जीत पर कांग्रेस भरपूर ख़ुश है। ख़ुशी इस कदर है कि, खुद सीएम बघेल पत्रकारों को लड्डू बाँट रहे हैं। सियासत में तंज के तीर भी कांग्रेस छोड़ रही है। लेकिन इन तीरों में एक तीखा तीर नए नवेले कांग्रेसी बने नंद कुमार साय का भी है। नंद कुमार साय ने कर्नाटक चुनाव के बाद प्रतिक्रिया में कहा है कि सत्तर पार सारे नेता बीजेपी ने घर बैठा दिए हैं तो मुझे लगता है कि, पार्टी उसी में उलझ गई है।
कब मिलेगा साय जी को बड़ा पद
नंद कुमार साय क़रीब पखवाड़े भर पहले कांग्रेस में शामिल हुए हैं। खबरें आती रहती हैं कि, कांग्रेस में उन्हें अहम पद दिया जाना है, लेकिन कोई पद उन्हें अब तक मिला नहीं है।साय को उम्मीद तो है लेकिन कहने का अंदाज जुदा है। नंद कुमार साय ने कहा
“पद तो सब पार्टी तय करती है।मुझे तो पता नहीं कि बड़ा छोटा क्या देने वाली है। लेकिन कांग्रेस को ताक़त देने के लिये मज़बूत बनाने मैं यहाँ आया हूँ। पार्टी जो भी तय करेगी उसको धारण कर के काम करेंगे ताकि कांग्रेस छत्तीसगढ़ में और ताकतवर हो।”
कांग्रेस ने दिल से पुकारा तो हनुमानजी का आशिर्वाद मिल गया
कर्नाटक चुनाव के बाद कांग्रेस हनुमान जी को लेकर जुमले की तरह जो शब्द इस्तेमाल कर रही है, वह हैं कि “बजरंग बली कांग्रेस के साथ हैं यह साबित हुआ” इसे लेकर भी नंद कुमार साय ने वचन उचारे हैं। नंद कुमार साय ने कहा
“कांग्रेसियों ने भले नारे नहीं लगाए लेकिन उनके मन में यही भाव था कि हे प्रभु हम लोग तो छोटे लोग हैं ज़्यादा साधन नहीं है। जबकि बीजेपी ने जयजयकार के नारे लगाए लेकिन मन में श्रद्धा नहीं थी। हनुमान जी ने यह भी जान लिया और कांग्रेसियों के मन की बात भी सुन ली, विजय का आशिर्वाद भी दे दिया।”
पार्टी हारी,मोदी हारे क्योंकि सत्तर पार वाली नीति है
नंद कुमार साय का तंज किसी रुप में कम नहीं है। कर्नाटक चुनाव को वे बीजेपी की और ख़ासकर मोदी की हार मानते हैं। नंद कुमार साय बीजेपी में करीब चालीस से भी ज़्यादा साल पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष नेता प्रतिपक्ष दोनों सदनों में सांसद ट्राइबल कमिशन के अध्यक्ष रहे।लेकिन लगातार आलोचना और कई मंचों पर सीएम भूपेश की सार्वजनिक तारीफ़ों के दोहराव की श्रृंखला के बाद पार्टी ने उन्हे विश्राम दे दिया। अप्रत्यक्ष रुप से वजह बताई गई आयु। कर्नाटक में हार के पीछे कारण जब साय ने बताया तो उसमें सबसे प्रमुख कारण के रुप में इसे ही गिना दिया। साय ने कहा
“बीजेपी ने स्वरूप बनाया है पार्टी का, जो सत्तर साल वाले नेता हैं, उनको घर बैठाया जाता है। बहुत सारे 70 साल पार वाले नेता हैं, जो कह रहे हैं अब हमारी जगह नहीं है तो नंद कुमार साय की तरह ही हमें अपनी जगह बाहर अलग तरीक़े से ढूँढनी होगी। ऐसा मैं सुन रहा हूँ। लगता है बीजेपी 70 साल वाले मामले में उलझ गई है।”