शिवम दुबे, Raipur. राजधानी रायपुर में बीजेपी एजुकेशन हब में चौपाटी बनाने को लेकर अपनी नाराजगी धरना-प्रदर्शन के रूप में दिखा रही है। वहीं पिछले 2 दिन से अनिश्चितकालीन धरने में राजेश मूणत बैठे हुए हैं। हालात ये हैं कि पूर्व मंत्री राजेश मूणत सड़कों पर रात बिताने को मजबूर हैं। जब से धरना शुरू हुआ है तब से ही राजेश मूणत चौपाटी हटाने को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। राजेश मूणत इसके लिए कोर्ट में भी आवेदन दे चुके हैं जिसमें स्टे और अवैध निर्माण घोषित करने की बात है।
अलग-अलग पोस्टर्स, कोई विरोध तो कोई कर रहा सपोर्ट!
एडुकेशन हब में चौपाटी को लेकर तो बीजेपी अनिश्चित कालीन धरना दे रही है। वहीं दूसरी ओर प्रदर्शन स्थल से कुछ दूर स्टूडेंट्स चौपाटी बनाने का सपोर्ट कर रहे हैं। कुछ छात्र हस्ताक्षर अभियान के तहत चौपाटी बनाने की मुहिम छेड़ रहे हैं। इसके साथ ही 5 जनवरी गुरुवार को विद्यार्थियों का एक दल कलेक्टर के पास ज्ञापन देने भी पहुंचा। छात्रों का कहना है कि अगर एजुकेशन हब में चौपाटी नहीं बनी तो छात्र इकट्ठा होकर प्रदर्शन कर देंगे।
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छात्रों के आंदोलन में NSUI का हाथ- मूणत
चौपाटी बनाने के सपोर्ट में छात्रों को लेकर राजेश मूणत ने कहा है कि जो छात्र कलेक्टर के पास ज्ञापन सौंपने गए थे वो कांग्रेस पार्टी का छात्र संगठन है, वो सब NSUI वाले हैं। मैं यहां पर छात्रों के हित के लिए बैठा हूं और जिसको जो जांच करवानी हो करवा ले.।उन्होंने प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग रोड पर बैठकर रोजगार पा रहे हैं। आप उनको हटाना चाहते हो और इस चौपाटी की मदद से अपनी कमाई करना चाहते हो। राजेश मूणत ने ये आरोप लगाया है कि अपने किसी परिचित को चौपाटी देने के लिए ये सब किया जा रहा है।
BJP के मंच पर आंदोलन के समर्थन में भी पहुंचे छात्र
जो छात्र चौपाटी के समर्थन में हैं उन्हें बीजेपी ने NSUI का बता दिया है। लेकिन कुछ देर बाद बीजेपी के ही मंच पर छात्र छत्तीसगढ़ी गणवेश में पहुंचे और बीजेपी के आंदोलन को समर्थन दिया, ये छात्र जो बीजेपी के आंदोलन को समर्थन दे रहे हैं ये किस संगठन के हैं इसे बीजेपी ने नहीं बताया है।
अधिकारी गलत, कल उन्हीं से होगी वसूली- राजेश मूणत
पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने कहा-
“सबसे पहले मैंने ज्ञापन सौंपा, मिलने गया, अब धरने पर बैठ गया हूं। अधिकारियों ने खुद सब काम गलत किए हैं। नियमों के खिलाफ गए हैं तो कोई मुझसे क्या कहेगा? अधिकारी यह ना भूलें कि भविष्य में इसकी जांच होगी तब अधिकारियों से ही पैसा वसूल होगा।”