RAIPUR. मनी लॉड्रिंग केस में आरोपी आईएएस समीर विश्नोई, कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी समेत पांच आरोपियों को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) टीम कोर्ट पहुंची। इन आरोपियों की न्यायिक रिमांड की अवधि 23 अक्टूबर बुधवार को खत्म हो गई थी। ईडी ने अदालत से आरोपियों की न्यायिक रिमांड बढ़ाने की मांग की है। वहीं सुनील अग्रवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। जबकि बलरामपुर और धमतरी के खनिज अधिकारियों को बीते दिन मंगलवार को गिरफ्तार किया था।
11 अक्टूबर को ईडी ने मारा था छापा
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने 11 अक्तूबर को प्रदेश के कई जिलों में छापा मारा था। इसमें चिप्स के तत्कालीन सीईओ और आईएएस अफसर समीर विश्नोई, कारोबारी लक्ष्मीकांत तिवारी और सुनील अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया। तीनों आरोपियों को पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया था। वहीं कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी 29 अक्तूबर को कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचा था, जहां से ईडी ने उसे गिरफ्तार किया था। इसके बाद आरोपियों ने कोर्ट से राहत की मांग की, लेकिन मिली नहीं।
हेरफेर मिलने पर 3 खनिज अधिकारी गिरफ्तार
दूसरी ओर, ईडी ने धमतरी, कवर्धा और बलरामपुर के खनिज अधिकारियों के पास से जो दस्तावेज जब्त किए गए हैं, उसमें करोड़ों रुपए के हेरफेर का मामला सामने आया है। इस गड़बड़ी पर कार्रवाई करते हुए ईडी ने धमतरी के जिला सहायक खनिज अधिकारी बजरंग पैकरा, बलरामपुर में सहायक खनिज अधिकारी अवधेश बारिक और कवर्धा में जिला खनिज अधिकारी संदीप नायक को गिरफ्तार किया है।
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धमतरी-बलरामपुर से अफसर लिए थे हिरासत में
ईडी की टीम ने 22 अक्टूबर मंगलवार देर रात बलरामपुर के सहायक खनिज अधिकारी अवधेश बारीक और धमतरी के खनिज निरीक्षक खिलावन भूआर्य को हिरासत में लिया था। दोनों को लेकर टीम देर रात ही रायपुर के लिए रवाना हो गई थी। दोनों अफसरों पर कई घंटों की पूछताछ के बाद कार्रवाई की गई। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई मनी लांड्रिंग और कोयले के डीओ जारी करने पर अवैध वसूली मामले में की गई है। यह भी संभावना जताई जा रही है कि इन अफसरों की गिरफ्तारी से कई आईएएस अफसर भी शिकंजे में फंस सकते हैं।