नितिन मिश्रा, Raipur. शहर के गंदे पानी को नाले के जरिए शहर के बाहर निकाला जाता है, शहर में बड़े नालों की संख्या 25 के करीब है। शहर के नालों की बात करें तो आधे से ज्यादा नालों की जमीन पर अतिक्रमण है। जिससे नाले का रास्ता सकरा हो गया है। शहर के बड़े नालों का ये हाल है कि वो अब छोटी नाली का आकार ले चुके हैं। बता दें कि शहर के नालों के ऊपर अतिक्रमण करके नालों की जमीन पर अवैध कब्जा किया जा रहा है। साथ ही शहर के सीवरेज का कचरा-गंदा पानी नाले के जरिए शहर से बाहर जाता है। लेकिन नालों पर हो रहे कब्जे से कचरा शहर के अंदर ही रुक रहा है। वहीं नगर निगम के अधिकारियों ने कहा है कि नालों पर अतिक्रमण है लेकिन कोशिश की जा रही हैं कि किसी को परेशानी न हो।
नाले की जमीन पर अवैध कब्जा
जानकारी के मुताबिक शहर में बह रहे नालों की जमीन पर लोगों ने अवैध कब्जा किया हुआ है। जिसके कारण नाले पटते जा रहे हैं। जिला प्रशासन के अधिकारी नाले की नपाई में मौजूद रहकर अवैध कब्जा किए हुए। अतिक्रमण को हटाने का काम करेंगे। शंकर नगर से होते हुए मोवा की तरफ बाहर जाने वाले नाले की हालत इतनी खराब हैं कि उसमे से सीवरेज का पानी भी बाहर नहीं निकल पा रहा है। कई जगहों पर नालों को पाटकर मकान बना लिए गए हैं। जिससे नाला ही गायब हो चुका है।
मामले पर क्या कहते हैं नगर निगम के अधिकारी?
इस पूरे मामले में द सूत्र की टीम ने नगर निगम के एडिसनल कमिश्नर सुनील चंद्रवंशी से बात की है। सुनील चंद्रवंशी का कहना है कि हम नालों कि जमीन का सीमांकन और चिन्हांकन करने के लिए रेवेन्यू डिपार्टमेंट को पत्र लिख रहे हैं। हमें जहां कहीं से भी वाटर लॉकेज की जानकारी मिलती है। वहां पर हम तुरंत अतिक्रमण हटाने का काम करते हैं। साथ ही मीटिंग में भी महापौर ने इस मामले की चर्चा की है। शहर में करीब 25 बड़े नाले हैं। जिनसे शहर के सीवरेज का पानी निकलता है।