रायपुर में सरकार की 76% आरक्षण नीति का सामान्य वर्ग ने किया विरोध, विधेयक को बताया चुनावी जुमला

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Vijay Choudhary
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रायपुर में सरकार की 76% आरक्षण नीति का सामान्य वर्ग ने किया विरोध, विधेयक को बताया चुनावी जुमला

शिवम दुबे, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में आरक्षण संशोधन विधेयक मामले को लेकर पहले से ही माहौल गरम है। जिसको लेकर लगातार सरकार और राजभवन के बीच और टकराव देखने को मिल रहा है। इस टकराव के बीच छत्तीसगढ़ में सरकार के लाए जाने वाली 76 फीसदी आरक्षण संशोधन विधेयक के विरोध में छत्तीसगढ़ का सामान्य वर्ग खड़ा हो गया है।



सामान्य वर्ग के लोगों की हुई बैठक



वर्तमान में छत्तीसगढ़ सरकार का जो आरक्षण संशोधन विधेयक विधानसभा में पारित हुआ है। उस विधेयक पर रायपुर में सामान्य वर्ग के लोगों की एक बड़ी बैठक हुई इस बैठक में सम समाजिक संगठन ब्राह्मण समाज, क्षत्रिय समाज, वैश्य अग्रवाल समाज, जैन समाज, सिंधी समाज, मुस्लिम समाज समेत कई सामान्य वर्ग के लोग इकट्ठा हुए है। जिसमें सरकार के 76% आरक्षण नीति का सभी ने विरोध किया।



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50% जातिगत आरक्षण का समर्थन करता है सामान्य वर्ग



सामान्य वर्गों के मुताबिक 50% जातिगत आरक्षण का वो समर्थन करता है। जिसमें एसटी-एससी ओबीसी का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके 50% आरक्षण ओपन और ऑल कैटेगरी के अनुसार हो जिसमें सभी वर्ग एसटी-एससी ओबीसी और जनरल के युवाओं को भी अवसर मिल सके. 



सरकार का 76% आरक्षण केवल चुनावी जुमला



सामान्य वर्गों की बैठक में यह कहा गया कि सरकार की 70% आरक्षण नीति यह असंवैधानिक है क्योंकि पहले हाईकोर्ट ने इस तरह की आरक्षण नीति 58% आरक्षण नीति 2012 और 82 परसेंट आरक्षण नीति 2019 को असंवैधानिक करार दिया था। इसके साथ-साथ पर ये विधेयक केवल चुनावी समय में लाया गया जुमला है। जिससे छत्तीसगढ़ के सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ कर आपसी मतभेद पैदा कर वोट प्राप्त करना है। वहीं सामान्य वर्ग के सभी लोगों ने इस आरक्षण नीति का सभी जाति के वर्गो से विरोध करने की मांग की है।

 


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