नितिन मिश्रा, Raipur. छत्तीसगढ़ को राज्य बने 23 साल होने वाले हैं, वहीं रायपुर को राजधानी बने भी लगभग इतना ही समय हो गया है। सरकारें अपने कार्यकाल में हरियाली को लौटाने के वादें करती हैं। वन विभाग इसके लिए अच्छी खासी योजना बनाता और भारी भरकम रकम भी खर्च करता है। द सूत्र की टीम ने सेटेलाइट इमेज की मदद से पिछले दस साल की तस्वीरों की तुलना की है यानी आज रायपुर में हरियाली के नाम पर क्या है और लगभग 10 साल पहले क्या था?
धीरे-धीरे गायब हो रही हरियाली!
पहले और आज की वर्तमान स्थिति को लेकर समीक्षा में पाया गया कि रायपुर से की हरियाली गायब होती दिख रही है। वन विभाग हर साल हज़ारों की संख्या में पौधारोपण करता है। बात अगर साल 2022 की करें तो वन विभाग ने 52 हजार 7 सौ पौधों कि रोपण किया है। सैटेलाइट इमेज के ज़रिए द सूत्र की टीम ने 2014 और 2023 के आज के दिन की फोटो की तुलना की है। जिसमें रायपुर शहर की हरियाली जिस प्रकार दस साल पहले यानि 2014 में थी, उसकी अपेक्षा में आज बेहद कम है। सेटेलाइट से मिली फोटोज में साफ देखा जा सकता है कि किस प्रकार से पेड़ों कि संख्या घटी है। रायपुर में हुई पेड़ों की अंधा-धुंध कटाई के बाद पेड़ों की जगह बड़ी-बड़ी इमारतों ने ले ली है। जहां कभी बड़े- बड़े पेड़ हुआ करते थे वहां आज सीमेंट की दीवारों के आलीशान मकान बन चुके हैं।
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वन विभाग हर साल पौधारोपण करता है
वन विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार हर साल करीब 50 हजार से ज़्यादा पौधे वन विभाग द्वारा लगाए जाते हैं। जिसमें कई फलदार पौधे भी होते हैं और कई पौधे प्रकृति को को सहेजने में मदद करने वाले होते हैं। इसके लिए वन विभाग को एक अच्छा खासा बजट सरकार द्वारा उपलब्ध करवाया जाता है। जब द सूत्र की टीम वन विभाग के अधिकारियों के पास आंकड़े लेने पहुंची तो जानकारी का अभाव होना बताया गया, वहीं कुछ देर बाद पौधारोपण से संबंधित 2022 की जानकारी दी गई। जब वन विभाग के एसडीओ मुखर्जी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इतने पुराने आंकड़े हमारे पास उपलब्ध नहीं है और हम आपको कुछ नहीं दे सकते।