याज्ञवल्क्य मिश्रा, Raipur. बैकुंठपुर विधायक अंबिका सिंहदेव के पति अमितावो घोष ने फेसबुक पर “फिर से मुझे भी कुछ कहना है” के हैशटैग से एक पोस्ट की है और इस पोस्ट में विधायक अंबिका सिंहदेव पर मारपीट का आरोप लगाया है। MLA अंबिका सिंहदेव को लेकर लंदन में बैठकर उनके पति अमितावो घोष ने फेसबुक पर अंबिका सिंहदेव के राजनीति में आने और कोरिया कुमार ने उन्हें उत्तराधिकारी बनाए जाने को लेकर भी सवाल किया है। फेसबुक पर ये अमितावो का तीसरा पोस्ट है।
क्या लिखा है अमितावो घोष ने फेसबुक पर
विधायक अमितावो घोष ने फेसबुक पर अंबिका सिंहदेव पर तमाम आरोपों को लगाने की एक प्रकार से शुरुआत की है। फेसबुक पर अपनी तीसरी पोस्ट में उन्होंने मारपीट किए जाने और पारिवारिक जीवन बिगड़ने की बात लिखी है। अमितावो ने लंबे पोस्ट में लिखा है जो हम बगैर किसी संशोधन के जस के तस बगैर व्याकरण सुधार के, यहां लिख रहे हैं -
#मुझे भी कुछ कहना है - 3
मैं चुप रहा तो और गलतफहमी बढ़ेगी, वो भी सुना, जो हमने कहा ही नहीं, बशीर बद्र साहब की ये 2 लाइन का जिक्र में काल किया था कुछ घंटों में वो सच निकला, मीडिया में सुना अंबिका ने कही के मेरा ये फेसबुक पोस्ट कुछ "राजनैतिक टिप्पणी से नाराज होकर किया गया है। ये थोड़ा नहीं पूरा 100 % गलत है।
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20 साल तक काका साहब ने नहीं चाहा की परिवार से कोई राजनीति में आए
हमारी शादी 1996 में हुई। 2016 तक 20 साल काका साब (डॉक्टर रामचंद्र सिंहदेव) ने कभी नहीं चाहा के उनके परिवार से कोई भी राजनीति में आए, वो खुद सक्रिय राजनीति से आपने आप को अलग कर लिए थे। जो उन्हें जानते थे वो यह भी जानते हैं किस कारण से (अभी मैं लिख नहीं रहा हूं ) तो वो कौन सी मजबूरी उन्हें आ गई जिंदगी के आखिरी 2 साल में जो वो आपनी भतीजी को आपना उत्तराधिकारी बना के गए?
आखिरी 2 साल में अंबिका सिंहदेव को बनाया उत्तराधिकारी
2016 से पहले कितने बार अंबिका बैकुंठपुर में आईं? आज उनके साथ जो लोग खड़े हैं उनमें से कितने लोग उन्हें 2016 के पहले मिले भी थे? ना राजनीति ना समाज सेवा कोई भी काम से जुड़े नहीं थे अंबिका 2016 से पहले। भाई, हम आपही के तरह परिवार वाले थे, हम दोनों और हमारे दो बच्चें, यही था अपना जहां। यह इतने सारे नए चेहरे 5 साल से पहले तो कभी नहिं दिखे! सब कुछ तो आपकी आंखों के सामने हो रहा है, आप देख क्या रहे हो हुजूर? eज अभी थोड़ी देर पहले ( यहां के समय में सुबह 6 बज रहे थे ) मेरे दोनों बेटा नाइट शिफ्ट करके घर लौटे। यहां सब काम करते हैं।
बात वो नहीं है, बात ये है घर में एक मां होती है
जो बच्चों को गरम रोटी बनाकर खिलती है। हमारे घर में वो मां नहीं है साब। हमारी मां राजनीति की गरम रोटियां में बिजी है हजारों मिले दूर....
एक और बात -
महिला का अवमानना का जिक्र छेड़ चुका है। जब भी कोई मुद्दा का जवाब आपके पास होता नहीं। सवाल मुद्दा का है लिंग का नहीं। इसीके चलते तो मैं पीछे 2 साल में तीन बार पीट गया हूं आपके विधायक जी से (मेरे पास सबूत हैं) आखरी बार 4 जनवरी 2023 को रायपुर में- जब मैं अपने जख्म का फोटो भेजा उन्होंने व्हाट्स अप सॉरी भी लिखा। मेरा कसूर बस इतना है के मैं एक ही सवाल 4 साल से करते आ रहा हूं -" आप यह सब क्यूँ कर रहें हो? " सुना है साहब मां बाप के कर्मों का फल बच्चों को मिलता है, मानता भी हूं। बहुत मुश्किलों का सामना करते हुए मैं और आपकी विधायक दोनों बच्चों की परवरिश कर रहे थे, अचानक एक हवा का झोंका आया और हमारा घोंसला ही चकनाचूर कर दिया!
अगली 10 फरवरी को करूंगा अगली पोस्ट
बात परिवार की है- इज्जत की है, मेरी जगह आप होते तो क्या करतें? आज बस इतना ही। एक आखिरी बात, मैं ये एफबी पोस्ट मैक्सिमम अगली 10 फरवरी तक ही करूंगा।
'बैकुंठपुर में आकर आप के सवालों का जवाब दूंगा'
उसके बाद या तो लाइव में आकर और अच्छा होगा बैकुंठपुर में आकर आप के सवालों का जवाब दूंगा।जो मुझे पत्थर मारने आएगा कृपा करके साथ में दो बिस्किट लाना, और जो मेरे पुतला में आग लगाएगा वो 2 कप गरम चाय लाना। चाय पे चर्चा हम भी कर सकते है, मैं जिंदगी में कभी किसी से डरा नहीं। आज मेरे साथ मेरी वो जिंदगी ही नहीं तो डर किस बात से”
किसी की कोई प्रतिक्रिया नहीं
विधायक अंबिका सिंहदेव के पति के अंबिका सिंहदेव को लेकर लगाए गए इन आरोपों पर किसी ने भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।