नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ की राजधानी में बीते दिन न्यूजटुडे एजेंसी के संचालक को नारकोटिक्स एक्ट में गिरफ्तार किया गया। आज बीजेपी ने इसी संदर्भ में प्रेसवार्ता आयोजित की। जिसमें पत्रकार सुनील नामदेव की पत्नी ने कहा पुलिस ने मेरे पति की जेब में एक सफेद पुड़िया डालकर उनको फसाने की कोशिश कर रही है। वहीं अजय चंद्राकर ने कहा भूपेश बघेल इंदिरा गांधी की सरकार से आगे निकल गए हैं। ये माफियाओं की सरकार है।प्रेसवार्ता में बीजेपी सांसद संतोष पांडे भी उपस्थित रहे।
यह मामला है
दरअसल बुधवार 31 मई को आजतक के पूर्व संवाददाता और न्यूजटुडे एजेंसी के संचालक सुनील नामदेव को बिलासपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया। नामदेव पर न्यायिक अधिकारियों, शासन, प्रशासन के विरोध में चलाई गई। जिसके खिलाफ एक अधिवक्ता ने शिकायत दर्ज करवाई थी। पुलिस ने नामदेव के पास से एमडीएमए मादक पदार्थ मिला था। बिलासपुर की टीम ने रायपुर माना थाना की टीम की संयुक्त कार्रवाई कर पत्रकार को मादक पदार्थ के साथ पकड़ा गया था।
पत्नी ने बताया पूरा किस्सा
बीजेपी की प्रेस वार्ता में सुनील नामदेव की पत्नी अपनी बेटी के साथ उपस्थित हुई। उन्होंने ने 31 तारीख़ को हुई पूरी घटना सामने रखी हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दो साल से मेरे पति को टार्गेट किया जा रहा है। हमारा घर तोड़ दिया गया। उन्हें जेल भी भेजा गया। लगातार हमारे परिवार को परेशान किया जा रहा है। मेरे घर में काम करने वाले ने बताया कि पुलिस घर पर आ रही है। मेरे पति सामने ही बैठे हुए थे। उन्हें पुलिस उठाकर बाहर ले गई। मामला पूछने पर पुलिस ने ना अरेस्ट वारंट दिखाया ना ही एफ़आईआर। बात करते हुए एक पुलिस वाला पीछे से आकर मेरे पति के जेब में एक सफेद पुड़िया और पैसे डाल दिए और बाद में ख़ुद ही चेक करने लगे। फिर मेरे पति को गिरफ्तार कर ले गए। हमारे मोबाइल में बने वीडियो को छीन केआर डिलीट कर दिया गया।
इंदिरा से आगे निकले भूपेश
बीजेपी से विधायक और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि भूपेश बघेल इंदिरा गांधी से भी आगे निकल चुके हैं। इंदिरा जी तो कम से कम पत्रकारों को बैन करती थी, प्रकाशन रोकती थी। लेकिन भूपेश बघेल इन सब से आगे बढ़कर पत्रकार को नारकोटिक्स एक्ट में अंदर कर रहे हैं। ये माफियाओं की सरकार है। इसमें ना पत्रकार सुरक्षित हैं ना विधायक सुरक्षित हैं। केवल कांग्रेसी ही इस शासनकाल में सुरक्षित हैं।
केस NCB को सौंप देना चाहिए
बीजेपी सांसद और प्रदेश प्रवक्ता संतोष पांडे ने कहा कि निर्भीक और निष्पक्ष पत्रकरिता करने वालों के साथ ऐसा किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण हैं। किसी को इस प्रकार से झूठे केस में फसाना ग़लत है। इस केस को पुलिस ने लेकर NCB को सौंप देना चाहिए। अगर इस प्रकार का ही होगा तो पत्रकार निष्पक्ष खबरें कैसे लिख पाएगा। क्या यही पत्रकारिता सुरक्षा कानून हैं?