नितिन मिश्रा, Raipur. राजधानी के नगर निगम में यूनिपोल घोटाले को लेकर रायपुर नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष ने 10 मई को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। निगम की नेता प्रतिपक्ष ने कहा नगर निगम के महापौर एजाज़ ढेबर घोटाला किंग हैं और वो अपना सम्मान बचाये रखने के लिए ये यूनिपोल घोटाला सामने लाकर रख दिये हैं। उनको अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने लगाए आरोप
नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने मेयर एजाज ढेबर पर आरोप लगाते हुए कहा कि महापौर घोटाला किंग हैं डिवाइडर घोटाला, बूढ़ातालाब घोटाला किए हैं ईड़ी की कार्रवाई से बचने के लिए इस मामले में जांच करवा रहे हैं। ईडी की कार्रवाई से इनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंची है अपना सम्मान बनाए रखने के लिए जांच समिति बनाये हैं।
अलग-अलग विज्ञापन एजेंसियों को एड देकर जिनसे बात नहीं बनी उनके साथ द्वेषपूर्ण कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं। क्या कांग्रेस अधिवेशन के समय लगाये गये होर्डिंग अवैध नहीं थे? क्या जन्मदिन का बधाई संदेश चल रहा था? होर्डिंग एजेंसी और मेयर के बीच कोई संबंध होने का हमे संदेह है। महापौर ने यूनिपोल से संबधित फाइल को लंबे समय तक अपने पास रखा जबकि वह नियम में नहीं हैं। साथ ही अधिकारी कह रहे हैं की हमनें जो भी किया है वो नियम से किया है, जो कहा गया था वैसा ही हुआ है।
अपर आयुक्त जांच टीम में शामिल
मीनल चौबे कहा अपर आयुक्त को आयुक्त पर जांच के लिए रखा गया है। क्या कभी ऐसा होता है कि अपने से बड़े पद के अधिकारी की जांच उनसे छोटे पद का अधिकारी कर सके। विज्ञापन एजेंसी से बात नहीं बनी होगी इसलिए ये सब हो रहा है। वो ईड़ी को पत्र लिख रहे हैं की मैं महापौर हूँ मुझसे जल्दी पूँछ ताछ करना चाहिए। उनको निगम छोड़ देना चाहिए वो सम्भाल नहीं पा रहे हैं नगर निगम को छोड़े जिस दिन से महापौर बने है तब से यहां घोटाला शुरू है। महापौर का दुबारा चुनाव करवा कर दूसरा महापौर चुना जाना चाहिए निगम की छवि धूमिल हो रही है।
ईडी के पत्र को लेकर कहा
नेता प्रतिपक्ष ने बोला कि महापौर ईड़ी को पत्र लिख रहे हैं की मैं शहर का महापौर हूँ मुझसे जल्दी पूँछ ताछ करना चाहिए। मुझे पास शहर का विकास करने के लिए समय नहीं मिल पा रहा हैं। उनको निगम छोड़ देना चाहिए वो सम्भाल नहीं पा रहे हैं। जिस दिन से महापौर बने है तब से यहां घोटाला शुरू है। महापौर का दुबारा चुनाव करवा कर दूसरा महापौर चुना जाना चाहिए इससे नगर निगम की छवि धूमिल हो रही है। उनको निगम छोड़ कर ईडी का सहयोग करना चाहिये।
महापौर जांच समिति के अध्यक्ष हैं
पूर्व नेता प्रतिपक्ष मृत्युंजय दूबे ने कहा कि महापौर ने जो जाँच टीम बनाई है उसके अध्यक्ष वो खुद हैं। महापौर कभी ख़ुद अध्यक्ष नहीं हो सकते हैं। इनको अपने घोटाले छुपाने हैं इसलिए ये जांच टीम बनाए हैं। निगम के पूर्व आयुक्त और वर्तमान कलेक्टर सौरभ कुमार और महापौर की मिलीभगत से ये सब हुआ है। दोनों बराबर के हिस्सेदार हैं। ये मामला महापौर के गले की हड्डी बन चुका है।
महापौर ने खुद किया है खुलासा
नगर निगम में 27 करोड़ रुपए का यूनिपोल घोटाला हुआ है, जिसकी जानकारी स्वयं महापौर ने दी है। उन्होंने बताया कि जानकारी के बगैर अधिकारियों ने होर्डिंग के टेंडर निकाले, मनमाने ढंग से रेट दिए। माता सुंदरी स्कूल के पास चौराहे का निर्माण किसने कराया, ठेकेदार कौन है, इसकी जानकारी भी किसी को नहीं दी गई। जाहिर है इसमें अधिकारियों की मिलीभगत है। महापौर के अनुसार घोटाला करीब 27 करोड़ रुपयों का है। महापौर ढेबर ने दो टूक कहा है कि होर्डिंग घोटाले में शामिल अधिकारियों पर कार्रवाई होगी, एफआईआर करवाई जाएगी साथ ही अवैध चौराहे को तोड़ने का भी आदेश दे दिया गया है। महापौर अब ख़ुद ही इस मामले में फँसते जा रहें हैं