याज्ञवल्क्य मिश्रा, Raipur. छत्तीसगढ़ में विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने पीसीसी चीफ और कोंडागांव विधायक मोहन मरकाम के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत को दिया है। विपक्ष ने यह प्रस्ताव मोहन मरकाम के सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट को लेकर दिया है। वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर और नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने सदन में सवाल किया....
“मोहन मरकाम ने अपने सोशल मीडिया पर तब सत्र की जानकारी दे दी जबकि विधानसभा सत्र की तारीख ही घोषित नहीं थी, अधिसूचना जारी नहीं हुई थी, यह आसंदी की अवमानना है।”
इस प्रस्ताव पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ महंत ने व्यवस्था दी
“यह प्रस्ताव मुझे प्राप्त हो चुका है, आसंदी इस पर विचार कर व्यवस्था देगी”
विपक्ष ने सरकार को घेरा
सदन की कार्यवाही शुरु होते ही विपक्ष ने सत्ता पक्ष को घेर लिया।
विपक्ष का सवाल
“पांच दिसंबर को भानुप्रतापपुर में चुनाव है। आपने यह सत्र बुलाया है, आरक्षण इसमें विषय है, क्या चुनाव आयोग से पूछा है ? इससे भी बढ़कर सवाल यह है कि 2 महीने दस दिन तक सरकार इस मसले पर हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठी थी ? अक्टूबर नवंबर में सत्र बुला लेते। भानुप्रतापपुर में 5 दिसंबर को चुनाव है, इसलिए यह सत्र बुलाया है। आठ दिसंबर को चुनाव है, आसंदी नौ दिसंबर को सत्र बुला ले, इस पर चर्चा कर लें।”
वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर ने कहा
“हम आरक्षण विधेयक का समर्थन करेंगे जहां उचित लगेगा सुझाव भी देंगे लेकिन यह सत्र तो आरक्षण विधेयक पर था, इसमें अनुपूरक बजट कैसे आया ?”
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा
“अनुपूरक पर चर्चा होगी इसकी कोई सूचना पहले नहीं थी। अब एकदम से कैसे चर्चा होगी। हम अनुपूरक की चर्चा में भाग नहीं लेंगे, हम बहिर्गमन करते हैं”
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सदन के नेता बघेल ने पेश किया प्रस्ताव
विपक्ष जिसमें छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस,बसपा और बीजेपी शामिल हैं उनके बहिर्गमन के बीच ही आसंदी से मिले निर्देश के बाद सीएम बघेल ने अनुपूरक बजट का प्रस्ताव और फिर आरक्षण विधेयक सदन में पेश किए हैं। अनुपूरक के विषय के बाद जबकि आरक्षण पर चर्चा का विषय आएगा, विपक्ष वापस आ जाएगा।