नितिन मिश्रा, Raipur. छत्तीसगढ़ में राजधानी की पुलिस ने मेडिकल स्टोर्स में फर्जी डिग्रीधारी संचालकों पर नकेल कसी है। पुलिस ने अब तक इस मामले में 18 लोगों की गिरफ्तारी की है। दरअसल छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल रायपुर की ओर से डॉ श्रीकांत ने थाना तेलीबांधा में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिस पर पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। अब पुलिस ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है।
शिकायत पर पुलिस ने की कार्रवाई
फर्जी डिग्री धारकों पर कार्रवाई करने की छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल ने मांग की, साथ ही बताया कि मेडिकल स्टोर संचालित करने हेतु आवेदन पर विधिवत जांच कर ही ड्रग लाइसेंस दिया जाता है। लेकिन ऐसे बढ़ते मामलों को लेकर जांच में फर्जी डिग्री का होना पाया गया था। जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की है। जानकारी के मुताबिक डॉ श्रीकांत राजिम वाले, छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल रायपुर ने तेलीबांधा थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई कि फार्मेसी डिप्लोमा और डिग्री प्राप्त करने वाले छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउसिंल रायपुर आनंद नगर में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन देते हैं। जिस आधार पर उसका पंजीयन किया जाता है।इसके बाद ही मेडिकल स्टोर्स संचालित करने हेतु खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग से ड्रग लाइसेंस दिया जाता है। सन 2021-22 में फार्मेसी डिप्लोमा/ डिग्री को पंजीयन हेतु कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत किए गये थे जांच में आवेदन पत्रों में संलग्न फार्मेसी डिप्लोमा/डिग्री फर्जी मिले थे।
इन यूनिवर्सिटी से बनाते थे फर्जी डिग्री/डिप्लोमा
जांच के दौरान सनराईस युनिवर्सिटी बैगाड राजपुर राजस्थान से रमाकांत निषाद, शीतल कुमार महार, संजय कुशवाहा, सूरज कुमार अग्रवाल, ओ.पी.जे.एस युनिवर्सिटी चुरू राजस्थान से चन्द्रेश कुमार साहू, डामेश्वर कुमार साहू, श्रीधर युनिवर्सिटी पिलानी राजस्थान से रविन्द्र कुमार साहू, स्वामी विवेकानंद युनिवर्सिटी सागर मध्यप्रदेश से खेम लाल धीवर के फार्मेसी डिप्लोमा छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल रायपुर के समक्ष आवेदन पत्र के साथ प्रस्तुत प्रमाण पत्र फर्जी मिले थे। उत्तर प्रदेश फार्मेसी कांउसिल लखनउ से रविन्द्र कुमार द्वारा फर्जी काउंसिल मे पंजीयन की प्रमाण पत्र के साथ एनओसी प्रमाण पत्र हेतु प्रस्तुत किया गया। साथ ही राजस्थान फार्मेसी काउंसिल जयपुर, सत्य साई युनिवर्सिटी सिहोर मध्य प्रदेश, मोनाद युनिवर्सिटी हापुर उ.प्र., जे.एस.युनिवर्सिटी शिकोटाबाद फिरोजाबाद उ.प्र. के नाम से फर्जी प्रमाण पत्र जारी किया गया है।
षड्यंत्र कर अपने फायदे के लिए करवाते थे आवेदन
पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया है कि आरोपियों द्वारा भी फर्जी प्रमाण पत्र को छत्तीसगढ स्टेट फार्मेसी काउंसिल रायपुर के समक्ष बेईमानी पूर्वक अपने फायदे के लिए षड्यंत्र कर आवेदन पत्र के साथ प्रस्तुत किया जाता था। पुलिस ने अब तक 18 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास मौजूद फर्जी दस्तावेजों को जब्त कर लिया गया है। फ़र्जीवाडे में संलिप्त अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।