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शिवम दुबे, RAIPUR. छत्तीसगढ़ बीजेपी के विधानसभा घेराव के बाद 16 मार्च, गुरुवार को पुलिस ने दो बीजेपी के कार्यकर्ताओं के ऊपर एफआईआर दर्ज की है। पुलिस ने बताया कि आंदोलन में 10 हजार लोग शामिल हुए थे। रायपुर पुलिस ने दो अलग-अलग मामले बीजेपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज किए हैं, जिसमें पहले मामले में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और दूसरे मामले में पुलिस के काम में बाधा पहुंचाने की बात कही गई है। दोनों मामले विधानसभा थाने में दर्ज किए गए हैं।
पहला मामला सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का है
पहले मामले में बीजेपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धारा दर्ज की गई है। यह एफआईआर नगर निगम रायपुर जोन क्रमांक 9 के सहायक अभियंता प्रवीण साहू ने दर्ज कराई है। बीजेपी के विधानसभा घेराव कार्यक्रम के दौरान कार्यकर्ताओं और नेताओं को विधानसभा के अंदर जाने से रोकने के लिए लकड़ी बांस-बल्ली और टीन शेड बनाकर पिरदा चौक जीरो प्वाइंट विधानसभा को घेरा गया था। इसी बीच बीजेपी के 40-50 कार्यकर्ताओं ने बांस-बल्ली, तीन सेट के बैरी गेट तथा लोहे के डिवाइडर को नुकसान पहुंचाया। पुलिस ने धारा 147 के तहत मामला दर्ज किया है।
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कोतवाली थाना सीएसपी योगेश साहू ने दर्ज कराया दूसरा मामला
राजधानी रायपुर पुलिस के थाना कोतवाली क्षेत्र के सीएसपी योगेश साहू ने बताया कि बीजेपी के करीबन 10 हजार कार्यकर्ता विधानसभा चुनाव में शामिल हुए थे। सभा के आयोजन के बाद सभी कार्यकर्ता विधानसभा घेरने के लिए निकले। इन्हें रोकने के लिए पुलिस ने विधि सम्मत कोशिश की। कार्यकर्ताओं को बार-बार लाउडस्पीकर से समझाया गया, लेकिन 40 से 50 आंदोलनकारी उग्र हो गए और पुलिस के कार्य में बाधा पहुंचाने लगे।
15 मार्च को बीजेपी ने किया था विधानसभा का घेराव
मोर आवास मोर अभियान के तहत बीजेपी ने 15 मार्च को विधानसभा का घेराव किया था। इसके तहत पीएम आवास योजना में मकान पाने से वंचित प्रदेश के 1 लाख प्रभावितों को राजधानी में इकट्ठा किया गया था। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर मामले की जानकारी दी थी। साव ने आरोप लगाया था कि पीएम आवास योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार ने गरीब लोगों के मकान के सपने को तोड़ा है।