Raipur. राजधानी रायपुर में आज खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह के समर्थन में बड़ी संख्या में लोग सड़क पर उतरे हैं। अमृतपाल सिंह के सर्मथन में लोगों ने रैली की है। वहीं रैली के दौरान पंजाब सरकार के खिलाफ आम आदमी पार्टी के कार्यालय के सामने पूतला भी फूंका गया है। बताया जा रहा है कि खालिस्तान के समर्थन में इस रैली में जमकर नारेबाजी भी की गई है। हालांकि प्रदर्शनकारी ने खालिस्तान के सपोर्ट में होने की बात को नकारा है। इस पूरे प्रदर्शन में सैकड़ों लोग रहे जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हुए हैं। वहीं इसको लेकर वार-पलटवार का दौर शुरु हो गया है।
मुख्यमंत्री का जवाब और बीजेपी का पलटवार
वहीं इस पूरे मामले में राजनीतिक गलियारों में भी सरगर्मी बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जहां पूरी घटना से अपने आप को अंजान बताया और पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा है कि प्रशासन अपना काम करेगा। वहीं बीजेपी के नेता बृजमोहन अग्रवाल ने मामले को लेकर छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि कांग्रेस के शासन काल में राष्ट्रविरोधी तत्व पनपते हैं, उन्हे संरक्षण मिलता है। यह घटना इस बात का उदाहरण है।
प्रदर्शनकारी बोले हम खालिस्थानी समर्थक नहीं
अमृतपाल सिंह के समर्थन में उतरे लोगों ने पंजाब सरकार पर आरोप लगाया है। साथ ही खालिस्तानी समर्थक होने के सवाल पर दिलेर सिंह ने कहा है कि नशे के खिलाफ काम करते हुए बच्चों को धर्म से जोड़ा है। जितने भी इंटेलीजेंस एजेंसी है उनका काम होता है पता लगाना तो पहले ये कहां थे। इन एजेंसियों को पहले पता लगाना था कि ये खालिस्तानी है या नहीं। हम खालिस्तान का समर्थन नहीं करते हैं।
रैली को लेकर क्या बोले प्रदर्शनकारी?
प्रदर्शनकारी दिलेर सिंह का कहना है कि जिस प्रकार अमृतपाल के नाम से सिक्खों को बदनाम किया जा रहा है। जीतने भी सिक्खों को नाजायज तौर पर गिरफ्तार किया गया है। करीब 150 सिक्खों को उठाया जा रहा है जिन्होंने अमृतपाल के साथ फोटो खिंचाई उनको उठाया गया और उन पर ऐसी धाराऐं लगाई कि वो छूट नहीं पाए तो ये बिलकुल सिक्खों के साथ नाइंसाफी है। उसके ही विरोध में पंजाब सरकार का विरोध किया है। अमृतपाल ने कोई गलत काम नहीं किया। हमने खलिस्तान का कोई समर्थन नहीं किया है। उसने सही काम किया। उसके लिए हम खड़े थे। अभी उसको बदनाम करने के लिए कुछ भी जोड़ दे तो वो हमारी समझ से बाहर है।