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याज्ञवल्क्य मिश्रा, Raipur. आरक्षण विधेयक के मसले पर एक बार फिर राजभवन और राज्यपाल अनुसूईया उईक और सीएम भूपेश बघेल आमने-सामने हैं। आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर के मसले पर राज्यपाल अनुसूईया उईके ने मार्च का इंतजार करने की बात कही तो सीएम भूपेश बघेल ने सवाल किया है कि, इंतजार क्यों करना चाहिए क्या वे कोई मुहूर्त देख रहीं हैं। आरक्षण विधेयक पर राजभवन और सरकार के बीच बेहद आक्रामक गर्माहट है। आरक्षण विधेयक पर कई विधिक प्रश्न राज्यपाल उईके ने प्रश्नावली के रुप में राज्य सरकार को भेजे थे, जिसके जवाब राज्य सरकार ने दिए तो राजभवन ने उसे प्रश्नों के अनुकूल नहीं बताते हुए खारिज कर दिया। उसके बाद राजभवन पर तीखी टिप्पणियों की शुरुआत सरकार और संगठन की ओर से हुई जिस पर राजभवन ने अप्रसन्नता जताई थी।
क्या कहा राज्यपाल अनुसूईया उईके ने
22 जनवरी रविवार को 1 कॉलेज के कार्यक्रम में पहुंची राज्यपाल अनुसूईया उईके से आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर के मसले पर सवाल हुआ तो राज्यपाल अनुसूईया उईके ने कहा “मार्च तक इंतज़ार करिए” राज्यपाल अनुसूईया उईके की इस बात का संदर्भ किसी को समझ नहीं आया, लेकिन इस जवाब ने भूपेश सरकार और कांग्रेस संगठन को चौंकने और सोचने के लिए मजबूर कर दिया।
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क्या बोले सीएम भूपेश
भेंट मुलाकात कार्यक्रम में रवाना होने के ठीक पहले पत्रकारों से बात करते हुए सीएम भूपेश बघेल से राज्यपाल अनुसूईया उईके के मार्च वाले बयान पर सवाल हुआ तो तीखे तेवर के साथ सीएम बघेल ने कहा “मार्च तक क्यों इंतज़ार करना चाहिए? कौन सा मुहूर्त देख रहीं हैं? यहां सब परीक्षा हो रही है, बच्चों का एडमिशन लेना है...व्यापम की परीक्षा लेना है, पुलिस में भर्ती होना है, हेल्थ में भर्ती होना है...सारी भर्ती रुकी हुई है..वे रोके बैठे हैं। ये संविधान में प्राप्त अधिकारों का दुरुपयोग है।”
सीएम बघेल ने कहा
“मार्च में ऐसा कौन सा मुहूर्त निकलने वाला है कि वे करेंगी, वो तो दिसंबर में पास हुआ है और अब तक रोके बैठी हैं। सीएम ने कहा कि बीजेपी पार्टी के इशारे पर इसको रोका जा रहा है ये प्रदेश के युवाओं के साथ अन्याय है”।