Raipur. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द का बड़ा बयान सामने आया है। शंकराचार्य ने बाघेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बयान का समर्थन भी किया है। दरअसल धीरेंद्र शास्त्री ने साई बाबा को भगवान न मानने की बात कही थी जिसमें शंकराचार्य ने भी समर्थन किया है। वहीं शंकराचार्य हिंदू धर्म की पढ़ाई को लेकर कहा है कि जब मदरसे में धार्मिक पढ़ाई हो सकती है तो फिर स्कूलों में हिंदू धर्म की पढ़ाई क्यों नहीं हो सकती है।
स्कूलों में हो हिंदू धर्म की पढ़ाई- शंकराचार्य
शंकराचार्य ने कहा है कि हिंदू खतरे में तब होगा जब हिंदू धर्म का पालन करना छोड़ देगें। अपने जीवन में धर्म का पालन कहां छोड़ रहे हैं। लेकिन धर्म की शिक्षा नहीं मिल रही है इसलिए जितनी स्पष्टता से करना चाहिए वह नहीं कर पा रहे हैं। इसमें हिंदू का नहीं सरकार का दोष है कि शिक्षा में हिंदू धर्म को नहीं पढ़ाया जा रहा है। शिक्षा नीति में बदलाव की जरुरत है, मदरसे में अगर धार्मिक पढ़ाई हो सकती है तो, स्कूलों में हिंदू धर्म की पढ़ाई क्यों नहीं हो सकती है। वहीं NCERT में मुगलों का चैप्टर हटाए जाने को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि इतिहास जैसा है, वैसा पढ़ाया जाना चाहिए, तठस्थ इतिहास के लिए जरुरी है कि सबको सबकुछ पढ़ाया जाना चाहिए।
धीरेंद्र शास्त्री के बयान का किया समर्थन
शंकराचार्य ने धीरेंद्र शास्त्री के साईं बाबा को लेकर दिए गए बयान का समर्थन किया है। शंकराचार्य का कहना है कि हैं साईं भगवान नहीं है इसमें कैसा अंधविश्वास बढ़ गया है.. साईं भगवान हो तब तो अंधविश्वास होगा ना.. साईं के बारे कह रहे हैं इस मामले में हम उनकी प्रशंसा करते हैं। साईं का मामला सीमित है साईं के मामले में समर्थन करते हैं और किसी मामले में नहीं। दरअसल धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा था कि सांई बाबा संत तो हो सकते हैं लेकिन उन्हें भगवान नहीं कहा जा सकता।