नितिन मिश्रा, Raipur. राजधानी में नगर निगम में हुए यूनिपोल घोटाले को लेकर 6 सदस्यी जांच टीम ने रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें यूनिपोल घोटाले में अधिकारी दोषी पाए गए। जिसके बाद महापौर ने कहा जब हमारा ही सिक्का खोटा हो तो किसी को दोष देना सही नहीं है। अधिकारियों के आदेश पर ही एजेंसियों ने काम किया है।
जांच टीम ने सौंपी रिपोर्ट
रायपुर नगर निगम में 27 करोड़ रुपये के यूनिपोल घोटाले की पोल खुद महापौर एजाज़ ढेबर ने खोली थी जिसके बाद छः सदस्यों की जांच टीम बनाई गई, टीम ने आज अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी है। 17 बिंदुओं के आधार पर मांगी गई जानकारी में अधिकारियों को दोषी पाया गया है।
महापौर बोले अपना सिक्का ही खोटा
जांच समिति की रिपोर्ट आने में बाद नगर निगम महापौर एजाज़ ढेबर ने कहा कि जब अपना ही सिक्का खोटा हो तो किसी को दोष देना सही नहीं है। 2012 के बजट में कमिश्नर को इसका अधिकार दिया गया था। अधिकारियों ने इत्ता-इत्ता पानी गोल-गोल अधिकारियों द्वारा किया गया है। बहुत जल्द आगे इसमें कार्रवाई होगी। निगम में 28 करोड़ का घोटाला हुआ है। अधिकारियों के आदेश पर ही एजेंसियों ने अपना काम किया है। इसमें आगे मुख्यमंत्री के निर्देश में भी 4 सदस्यीय टीम के द्वारा भी जांच होगी, हमसे जो सहयोग मांगा जाएगा हम करेंगे।
यह मामला है
बीते दिनों नगर निगम में 27 करोड़ रुपए का यूनिपोल घोटाला हुआ है, जिसकी जानकारी स्वयं महापौर द्वारा दी गई थी मेयर एजाज ढेबर ने 5 मई को एमआईसी की बैठक ली थी, उसमे उन्होंने इस घोटाले को उजागर किया था।उन्होंने बताया कि जानकारी के बगैर अधिकारियों ने होर्डिंग के टेंडर निकाले, मनमाने ढंग से रेट दिए। माता सुंदरी स्कूल के पास चौराहे का निर्माण किसने कराया, ठेकेदार कौन है, इसकी जानकारी भी किसी को नहीं दी गई। जाहिर है इसमें अधिकारियों की मिलीभगत है। महापौर के अनुसार घोटाला करीब 27 करोड़ रुपयों का है। महापौर ढे़बर ने दो टूक कहा है कि होर्डिंग घोटाले में शामिल अधिकारियों पर कार्रवाई होगी, एफआईआर करवाई जाएगी साथ ही अवैध चौराहे को तोड़ने का भी आदेश दे दिया गया था