Raipur. छत्तीसगढ़ के रायपुर में नौकरी के नाम पर ठगी करने का मामला सामने आया है। पटवारी के पद पर नौकरी लगाने के लिए युवक से ढाई लाख रुपए की धोखाधड़ी हुई है। बताया जा रहा है कि आरोपी ने अपनी पहचान मंत्री, नेता और अधिकारियों से होना बताया। लेकिन पटवारी पद पर भर्ती पूरी हो जाने पर भी नौकरी नहीं लगी। जिसके बाद दिए हुई पैसों को भी वापस नहीं किया गया। पीड़ित द्वारा थाने में शिकायत दर्ज करा दी गई है वहीं पुलिस ने जांच पड़ताल शुरु कर दी है।
पटवारी बनाने के लिए 10 लाख रुपयों की गई मांग
ठगी का शिकार होने वाले पीड़ित युवक ने बताया कि प्रदेश में पटवारी की नौकरी के लिए भर्ती चल रही थी जिसके लिए उसकी मुलाकात आरोपी भवानी शंकर तिवारी से हुई जिसने अपनी पहचान मंत्री, नेता और अधिकारियों से होना बताया, आरोपी नें युवक से नौकरी के लिए 10 लाख रुपए की मांग की थी आरोपी की बात मानकर युवक नें 5 लाख एडवांस के रूप में दिया था लेकिन पटवारी की भर्ती पूरी होने पर भी नियुक्ति पत्र नहीं आया। जिसके बाद पीड़ित नें पूरी बात की जानकारी अपनी बहन को दी। आरोपी से बात चीत कर दबाव बनाने पर उसने 2लाख 50 हजार रुपए वापस कर दिए और बांकी पैसे बहुत दिनों तक नहीं देने पर पीड़ित ने थाने में मामला दर्ज कराया है।
और भी लोगों से ठगी का शक- पुलिस
पुलिस ने कहा है कि हमे शक है कि आरोपी भवानी शंकर तिवारी ने और भी लोगों के साथ इस प्रकार की ठगी की होगी। दुर्ग निवासी भवानी शंकर के खिलाफ थाने में मामला पंजीबद्ध कर आरोपी को पकड़ने के लिए जांच शुरू कर दी गई है।
जांजगीर-चांपा में अनुकंपा नियुक्ति के नाम पर ठगी का मामला
जांजगीर-चांपा की नगर पालिका में सफाई कर्मचारी के पद में काम करने वाले चंद्रशेखर सोनवानी की पिछले साल हार्ट अटैक आने के कारण मौत हो गई। जिसके बाद नगर पालिका में लिपिक के पद में कार्य करने वाली रीना चावरिया ने मृतक के परिवार से बातचीत कर अनुकंपा नियुक्ति कर बाबू के पद पर करवाने का वादा किया। इसके लिए आरोपी रीना ने 2 लाख 80 हजार रुपए मृतक के बेटे शेरा से लिए थे। लेकिन कई दिन बीत जाने पर भी नौकरी का कोई अता-पता नहीं था रीना से पूछने पर वह एक साल तक बहाना बनाकर निकल जाती थी। साथ ही आरोपी रीना ने इस बात की चर्चा किसी से ना करने के लिए परिवार से कहा था। इसके बाद पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया है।