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RAIPUR. राजधानी रायपुर की चर्चित स्काई वॉक का निर्माण एक बार फिर चर्चा में है, बीजेपी सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक स्काई वॉक के निर्माण में गड़बड़ी सामने आई है। स्काई वॉक निर्माण प्रकरण में प्रथम दृष्टया अनियमितता पाए जाने पर इसकी जांच एसीबी-ईओडब्ल्यू को सौंपने का निर्णय लिया है। इस संबंध में राज्य सरकार ने जांच के निर्देश दिए हैं। इसके अब नए सिरे से दोनों जांच एजेंसियां करेंगी।
आचार संहिता के दौरान जारी हुआ था प्रस्ताव
जानकारी के अनुसार 77 करोड़ रुपए की परियोजना का जान बूझकर 2 बार में प्राक्कलन तैयार किया गया, ताकि पीएफआईसी से मंजूरी की आवश्यकता न रह जाए। पीएफआईसी के माध्यम से किसी भी परियोजना के जनहित के संबंध में परीक्षण किया जाता है, जो कि स्काई वॉक निर्माण प्रकरण में नहीं किया गया है। विधानसभा निर्वाचन 2018 की अधिसूचना जारी होने के बाद भी लोक निर्माण विभाग के पुनरीक्षण प्रस्ताव तैयार कर 5 दिसम्बर 2018 को वित्त विभाग को भेजा गया, जो आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन था। जिससे ये स्पष्ट है कि यह कार्य विभाग के पदाधिकारियों और ठेकेदार को अनुचित लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया।
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रमन सरकार में निर्माण, भूपेश सरकार में जांच
लोक निर्माण विभाग ने स्काई वॉक निर्माण की प्रथम निविदा 4 फरवरी 2017 को जारी की गई। निविदा प्रस्तुत करने को लिए मात्र 15 दिनों का समय दिया गया। 4 फरवरी तक प्रकरण में वित्त विभाग से प्रशासकीय स्वीकृति भी प्राप्त नहीं हुई थी। 15 दिनों मात्र की निविदा के लिए कोई आवश्यकता और औचित्य नहीं दर्शाया गया है, न सक्षम स्वीकृति प्राप्त की गई है। यह स्काई वाक पूर्ववर्ती रमन सिंह सरकार के समय बनाया जा रहा था, जो अधूरा रह गया। सत्ता परिवर्तन के बाद से ही कांग्रेस सरकार लगातार स्काई वॉक निर्माण और उसकी उपयोगिता पर सवाल उठा रही थी। कुछ समय पहले ही कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने सीएम भूपेश बघेल को ज्ञापन सौंपकर इस संबंध में जांच करवाने की मांग की थी।
बीजेपी ने जांच पर उठाए सवाल
तो वहीं स्काइ वॉक की जांच ईओडब्लू से कराए जाने के मसले पर बीजेपी ने को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर छत्तीसगढ़ सरकार पर पलटवार किया पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने सरकार से सिलसिलेवार सवाल करते हुए जांच कराए जाने की माँग की है, मूणत ने कहा कि पिछले 4 सालों से सरकार का काम क्यों रुका है, उसके बारे में सीएम भूपेश बघेल बताएं। इतना ही नहीं राजेश मूणत ने राज्य सरकार पर रायपुर के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप भी लगाया।
राजेश मूणत ने इनकी भी जाँच करा दीजिए आग्रह है
पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने भ्रष्टाचार, कर्ज, मंत्रियों के अलग-अलग बयानों पर कहा कि मुख्यमंत्री को इन पर समीक्षा करना चाहिए, मूणत ने आज हुई कांग्रेस की मैराथन बैठक को लेकर भी चुटकी ली। मूणत ने कहा है कि प्रदेश प्रभारी बनने के बाद कुमारी शैलजा ने पहली बैठक ली है तो अच्छी बात है संगठन को मजबूत करें, भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाए, जिस प्रकार से निचले स्तर तक भ्रष्टाचार चला गया है, उस पर भी ध्यान दें।