KANKER. बस्तर के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में अब दुर्लभ प्रजाति 'माउस डियर' की तस्वीर कैमरा ट्रैप में कैद हुई है। हाल ही में वहां राष्ट्रीय उद्यान में संकटापन्न जंगली भेड़ियों की वापसी के साथ-साथ इससे लगे गांवों तक छत्तीसगढ़ की राजकीय पक्षी 'पहाड़ी मैना' की भी मीठी बोली गूंजने लगी है। ये वन विभाग की पहल से वन्यजीवों के सुरक्षित रहवास के लिए हो रहे कार्यों के सकारात्मक परिणाम को दर्शाता है। बता दें कि भारत में पाए जाने वाले हिरणों की 12 प्रजातियों में से माउस डियर विश्व में सबसे छोटे हिरण समूह की प्रजाति में से एक है।
बस्तर के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में दिखा दुर्लभ प्रजाति का 'माउस डियर'#CG #CGForest #CGwildlife #indiawildlife pic.twitter.com/Z9A9kdzWJG
— TheSootr (@TheSootr) May 30, 2023
वन्य प्राणियों की संख्या में बढ़ोतरी
दरअसल, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान प्रबंधन द्वारा लगातार वन्यजीवों के संरक्षण की दिशा में कार्य करने से दुर्लभ प्रजातियों का रहवास सुरक्षित हुआ है। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक धम्मशील गणवीर ने बताया कि हाल ही में राष्ट्रीय उद्यान में दुर्लभ प्रजाति 'माउस डियर' की तस्वीर कैमरा ट्रैप में कैद हुई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा से संचालित अभियान के तहत राष्ट्रीय उद्यान प्रबंधन द्वारा स्थानीय युवाओं को पेट्रोलिंग गार्ड के रूप में रोजगार उपलब्ध कराया गया है, जिससे लगातार पेट्रोलिंग और मॉनिटरिंग कर वन्यजीवों के रहवास का संरक्षण किया जा रहा है। साथ ही राष्ट्रीय उद्यान से लगे ग्रामीणों की संरक्षण में सहभागिता सुनिश्चित होने से वन्य प्राणियों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है।
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दक्षिण एशिया में पाए जाते हैं 'माउस डियर'
भारतीय माउस डियर रहवास विशेष रूप से घने झाड़ियों वाले नमी वाले जंगलों में होता है। माउस डियर में चूहे-सुअर और हिरण के रूप और आकार का मिश्रण दिखाई देता है और बिना सींग वाले हिरण का एकमात्र समूह है। माउस डियर के शर्मीले व्यवहार और रात्रिकालीन गतिविधि के कारण इन पर विशेष रिसर्च नहीं हुई है। मुख्य रूप से दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के उष्णकटिबंधीय नम पर्णपाती वनों में माउस डियर की उपस्थिति दर्ज हुई है। वनों में लगने वाली आग, बढ़ते हुए अतिक्रमण और शिकार के दबाव से भारतीय माउस डियर की आबादी को शायद गंभीर खतरे का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में इन प्रजातियों को बचाने के प्रयास की आवश्यकता है।