याज्ञवल्क्य, Raipur. ईडी की जांच का सामना कर रहे व्यापार एवं उद्योग विभाग के संयुक्त सचिव अनिल टूटेजा को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। उनके द्वारा दायर याचिका पर जस्टिस संजय किशन कौल की डिविजन बेंच में सुनवाई हुई है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने नो कोर्सिव एक्शन के आदेश दिए हैं। प्रकरण की अगली सुनवाई जुलाई के दूसरे हफ्ते के लिए नियत की गई है।
क्या है मसला
अनिल टूटेजा हालिया दिनों चल ईडी की जांच जो कि राज्य की शराब नीति पर केंद्रित है, उसे लेकर ईडी के सीधे राडार पर आ गए थे। ईडी ने उनसे निवास और कार्यालय में पूछताछ की थी।ईडी ने इस पूछताछ के बाद उन्हें जाने दिया था लेकिन फिर से बुलाया था। अनिल टूटेजा को उपस्थित होने के लिए समंस जारी किए गए थे। ईडी ने समंस को एक आग्रह पत्र के साथ राज्य के मुख्य सचिव को भेजा था। ईडी की ओर से आग्रह था कि, यह समंस तामील कराए जाएं और मुख्य सचिव अपने अधिनस्थ अनिल टूटेजा को ईडी के कार्यालय पूछताछ के लिए उपस्थित कराएँ। इसके जवाब में अनिल टूटेजा ने पत्र भेजकर ईडी की कार्यवाही को गैर विधिक बताते हुए जानकारी दी थी कि, इस मसले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर है। अनिल टूटेजा ने स्पष्ट किया था कि वे राज्य सरकार से विधिवत अनुमति लेकर अवकाश पर हैं।
कौन हैं अनिल टूटेजा
अनिल टूटेजा राज्य के बेहद प्रभावशाली अफ़सर हैं।उन्हें राज्य प्रशासन के तंत्र संचालन में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला किरदार माना जाता है। वे राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे और फिर आईएएस प्रमोट हुए। वे मौजूदा समय में व्यापार एवं उद्योग विभाग के संयुक्त सचिव हैं।
ईडी को जांच से रोक नहीं है
ईडी को इस मामले में जाँच से कोई रोक हो, ऐसे किसी आदेश को दिए जाने की जानकारी पंक्तियों के लिखे जाने तक नहीं है। इसके मायने यह हैं कि ईडी की जाँच जारी रहेगी।यहाँ यह उल्लेखनीय है कि आबकारी के मसले में ईडी की जाँच आयकर विभाग के परिवाद पर आश्रित है। यह परिवाद तीस हजारी कोर्ट में दायर था। इसके एक अंश को तीस हजारी कोर्ट ने स्वीकारा है और शेष के लिए निर्देशित किया है कि, वे उन संबंधित क्षेत्रों की अदालतों में जाएँ जहां पर कि, कथित रुप से हुई जांच में तथ्य सामने आए हैं। तीस हजारी कोर्ट के परिवाद को लेकर दिए दिशा निर्देश और कार्यवाही के खिलाफ अपील दायर है।