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SAKTI. छत्तीसगढ़ में शराब और शराबियों का मुद्दा हमेशा सुर्खियों में रहता है। लेकिन इस गांव की महिलाओं ने कुछ ऐसा किया है कि अब यही चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल शराब बंदी की मांग को लेकर कुछ महिलाएं हर शाम रात गश्त करते नजर आती हैं। ये महिलाएं हाथ में डंडा रख लोगों पर नजर रखने का काम करती हैं। अगर किसी ने शराब पी या कोई भी गलत काम किया तो यहीं महिलाएं उसकी अच्छे से खबर लेती हैं। यह मामला सक्ती जिले के अमेरीडीह का बताया जा रहा है।
कुछ दिन पहले थाना पहुंची थी महिलाएं
बताया जा रहा है कि आज से 2 महीने पहले यह महिला समूह थाना पहुंचा था। जहां महिलाओं का कहना था कि गांव लोग शराब का सेवन कर रोज हल्ला-गुल्ला करते हैं। इससे माहौल खराब होता है और बच्चों के भविष्य में भी इसका बुरा असर पड़ता है। इसलिए अब महिलाओं का एक समूह रोज रात को गश्त करेगा। उस दिन से आज तक यह महिलाएं बिना किसी बहाने के हर रोज गश्त कर रही हैं। महिलाएं गश्त के दौरान हाथ में डंडा पकड़ती है और नशेड़ियों को सबक भी सिखाने का काम करती हैं।
क्यों पड़ी महिलाओं को गश्त करने की जरूरत
शराब की लत जब लग जाती है तो महिलाओं को समाज की सुरक्षा के लिए खड़ा होना ही पड़ता है। सक्ती जिले के अमेराडीह की महिलाएं रोज शाम-रात हाथ में डंडा लेकर पिछले दो महीने से गश्त करती हैं। महिलाओं का कहना है कि शराब की खपत बहुत है। शराब की लत अब बच्चों का भी अपना शिकार बना रही है। जिसके कारण बच्चों में मारपीट, दंगा और घरों में लड़ाई होती है। इसीलिए रोज रात महिलाएं हाथ में डंडा लेकर घूमती है ताकि गांव की सुरक्षा भी हो सके। इसका दूसरा उद्देश्य बच्चों को उनके अच्छे भविष्य की तरफ धकेलना भी है।
इन महिलाओं का पुलिस का भी मिलता है साथ
सक्ती जिले के अमेराडीह गांव महिलाओं की ये मुहीम सरल नहीं है। रात में किसी शराबी से लड़ना अपने ही पैर में कुल्हाड़ी मारने जैसा है। इसलिए इन महिलाओं का पुलिस का भी सहयोग मिलता रहता है। रात गश्त के दौरान पुलिस भी बीच-बीच में गांव का हाल-चाल लेने पहुंच जाती है। वहीं थाना प्रभारी भी महिलाओं के संपर्क में रहते हैं। जिससे कभी भी जरूरत पड़ने पर पुलिस तत्काल सहायता करने पहुंच सके। पुलिस ने महिलाओं की मुहीम की सराहना की है उनका कहना है कि महिलाओं की लगातार गश्त के बाद गांव की हालत सुधरी है।