RAIPUR. पूर्व मंत्री और बीजेपी प्रवक्ता राजेश मूणत ने सीएम भूपेश बघेल की घोषणाओं को लेकर सरकार को घेरा है। आज एक प्रेस कांफ्रेस कर उन्होंने कहा कि पिछले चार सालों में सीएम ने 415 घोषणाएं की हैं, लेकिन सारी घोषणाएं अधूरी रहीं हैं। ना तो स्थानीय कलेक्टर ने उनकी घोषणा को लेकर गंभीरता दिखाई और ना ही मुख्यमंत्री सचिवालय, मूख्य सचिव या वित्त विभाग ने। जबकि घोषणा के बाद इसे पूरा करवाने की जिम्मेदारी इन्हीं की थी। वहीं भाजपा प्रवक्ता राजेश मूणत ने स्कॉई वाक को लेकर कहा कि प्रोजेक्ट की जांच के लिए गठित तीनों कमेटी ने प्रोजेक्ट को क्लीन चिट दिया है।
स्काईवाक को तोड़ने में जनता के 50 करोड़ रुपए खर्च होंगे
इस बीच खबर है कि वरिष्ट कांग्रेस विधायक सत्यनारायण शर्मा ने जानकारी दी है कि जनधन का दुरूपयोग न हो इसलिए स्कॉई वाक का निर्माण कराया जाएगा, स्काईवाक को तोड़ने में जनता के 50 करोड़ रुपए खर्च होंगे। ऐसे में सरकार ने फैसला लिया है कि स्कॉई वाक को तोड़ा नहीं जाएगा इसका पूरा निर्माण कराया जाएगा।
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67 प्रतिशत लोगों ने जनहित में इसे बनाने की राय दी है
भाजपा प्रवक्ता राजेश मूणत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्कॉई वाक को लेकर सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने कहा कि मनगढ़ंत आरोप से जनता को गुमराह किया गया। 67 प्रतिशत लोगों ने जनहित में इसे बनाने की राय दी है, सरकार की बनाई रिपोर्ट में ही इसका खुलासा हुआ है, सरकार ने तीन तीन कमेटी गठित की थी। सबकी रिपोर्ट आ चुकी है। उन्होंने कहा कि उपयोगिता साबित हो चुकी तो क्या सरकार इसे पूरा करेगी?
घोषणा को पढ़ते हुए कहा कि सबके हालात नमस्ते जैसे हैं
राजेश मूणत प्रेस कांफ्रेस में सीएम की अब तक की सारी घोषणाओं की लिस्ट बैठे थे, और एक-एक घोषणा को पढ़ते हुए कहा कि सब के हालात नमस्ते जैसे हैं। यानी कुछ नहीं हुआ... उन्होंने सरकार को एक चुनौती भी दी और कहा कि पिछले साढ़े चार सालों में राजधानी रायपुर में कोई भी 10 करोड़ के काम का शिलान्यास भी हुआ हो, तो नाम गिनाकर बताएं।
स्काईवॉक बीजेपी सरकार के भ्रष्टाचार के स्मारक हैंः कांग्रेस
बता दें कि स्काईवॉक पर कांग्रेस-भाजपा में बयानबाजी जारी है, इसी बीच राजेश मूणत की पीसी पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया भी आई है। पीसीसी संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि स्काईवॉक की जांच ईओडब्ल्यू कर रही है। उन्होंने कहा कि राजेश मूणत को 8 बिंदुओं का जवाब देना चाहिए। स्काईवॉक बीजेपी सरकार के भ्रष्टाचार के स्मारक हैं।