BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में छात्रों ने नई शिक्षा नीति को लेकर एक याचिका लगाई है। दरअसल प्रदेश के सबसे बड़े पं. रविशंकर यूनिवर्सिटी, रायपुर से संबद्ध शासकीय नागार्जुन साइंस ऑटोनॉमस कॉलेज में परीक्षा परिणाम जारी होने वाला है। इससे पहले ही नई शिक्षा नीति लागू कर दी गई, जिस वजह से कई छात्र फेल हो गए क्योंकि इसमें 33 प्रतिशत की जगह 40 प्रतिशत न्यूनतम पासिंग मार्क कर दिया गया है। इससे प्रभावित छात्रों ने हाई कोर्ट में याचिका लगा दी है। इस याचिका पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने साइंस कॉलेज में बीएससी सेकेंड सेमेस्टर में नई शिक्षा नीति लागू करने पर अंतरिम रूप से रोक लगा दी है। इसके साथ ही छात्रों को दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल करने के निर्देश दिए हैं। इस पर अमल भी शुरू हो गया हैं।
नए शिक्षा नीति पर हाईकोर्ट की रोक
जानकारी के अनुसार शासकीय नागार्जुन साइंस ऑटोनॉमस कॉलेज में परीक्षा परिणाम जारी करने से ठीक पहले नई शिक्षा नीति लागू कर दी गई। इस वजह से कई छात्र फेल हो गए। छात्रों ने कॉलेज प्रबंधन समेत अन्य जिम्मेदारों के पास आपत्ति दर्ज करवाई, लेकिन राहत नहीं मिली। इसके बाद छात्र सागर साहू, भावेश सिन्हा, कीर्तन सोनपिपरे समेत अन्य छात्रों ने एडवोकेट गौरव सिंघल और गौतम खेत्रपाल के जरिए हाई कोर्ट में याचिका लगाई। इस याचिका में बताया कि कॉलेज मनमाने तरीके से इस नियम को लागू किया है। इसकी जानकारी छात्रों को एडमिशन और परीक्षा के दौरान नहीं दी गई, जिससे छात्र प्रभावित हुए और फेल हो गए।
ये खबर भी पढ़िए...
नई शिक्षा नीति लागू करने के संबंध में आदेश भी नहीं आया
याचिका के माध्यम से छात्रों ने बताया कि यूनिवर्सिटी नए अध्यादेश के तहत आने वाली नई शिक्षा नीति के लागू करने के संबंध में कोई निर्देश नहीं दिया है और ना ही किसी ऑटोनोमस कॉलेज इसे लागू करने को कहा है। यह नीति अगले सत्र के लिए लाई गई है। इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस पी सैम कोशी की बेंच ने साइंस कॉलेज के इस सिस्टम पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही फेल छात्रों को द्वितीय सेमेस्टर के इंटरनल एग्जाम में शामिल करने के आदेश दिए हैं।