SUKMA. नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सली लगातार समर्पण कर रहे हैं। इस बीच, सुकमा जिले में आठ लाख के इनामी एक नक्सली ने आत्मसमर्पण किया है। एएसपी किरण चव्हाण के सामने सरेंडर करने वाले नक्सली के खिलाफ सुरक्षा बलों के लगातार दबाव व पुना नर्कोम अभियान से प्रभावित थे। एएसपी किरण चव्हाण के ने बताया कि आठ लाख का इनामी नक्सली ने बंदूक के साथ आत्मसमर्पण किया। इसके साथ ही एएसपी किरण ने नक्सलियों से अपील की है कि हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा से जुड़े और विकास के भागीदार बने।
10 साल से नक्सल संगठन में था सक्रिय
दरअसल, नक्सल प्रभावित सुकमा में पुना नर्कोम अभियान का बड़ा असर हुआ है। जहां 8 लाख का इनामी नक्सली ने सरेंडर किया है। जानकारी के अनुसार वह बटालियन में काम करता था और कई घटनाओं में शामिल था। वह पिछले 10 सालों से नक्सल संगठन में सक्रिय था। बता दें इसमें कोबरा 206 ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं। एएसपी किरण ने कहा कि सरेंडर करने वाले नक्सली को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। साथ ही शासन की पुनर्वास नीति का लाभ दिया जाएगा।
नक्सलियों के विरुद्ध सुरक्षा बलों के लगातार दबाव व पूना नर्काेम अभियान से प्रभावित होकर इसी महीने 1 दिसंबर को नक्सल संगठन में डाक्टर इंचार्ज व दो लाख के इनामी नक्सली ने पुलिस के समक्ष भरमार बंदूक के साथ आत्मसमर्पण किया था। सुकमा पुलिस अधीक्षक सुनील शर्मा ने बताया था कि दो लाख के इनामी सहित दो नक्सलियों ने भरमार बंदूक के साथ आत्मसमर्पण किया। दोनों में से एक पीएलजीए में डाक्टर इंचार्ज के रूप में काम कर रहा था।
दो महीने पहले भी सुकमा में दो नक्सलियों ने किया था सरेंडर
दो महीने पहले सुकमा जिले में एक लाख का इनामी सहित दो नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। दोनों नक्सलियों ने 18 अक्टूबर को सीआरपीएफ बटालियन-2 व जिला पुलिस के अधिकारी के सामने सरेंडर कर दिया। दोनों नक्सलियों में से एक पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित है।