RAIPUR. रायपुर प्रवास पर आए जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने रविवार को कहा कि देश में आरक्षण पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने थोपा है, ताकि वे लंबे समय तक सत्ता में बने रह सकें। इसके साथ ही उन्होंने रामचरित मानस की चौपाइयों पर सवाल उठाने वालों से कहा कि राष्ट्रपति से इसमें संशोधन की मांग करने वाले अपनी मूर्खता का ही प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके अलावा भी उन्होंने कई बातें कहीं।
आरक्षण व्यवस्था को गलत बताते हुए पांच ऐसे दोष बताए
दरअसल, शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती यहां पत्रवार्ता को संबोधित कर रहे थे। जब उनसे वर्तमान में आरक्षण पर जारी बहस को लेकर पूछा गया तो उन्होंने आरक्षण में पांच दोष गिनाए। साथ ही कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने इसे थोपा है ताकि वे इसकी बीना पर लंबे समय तक राज कर सकें। जिन वर्गों को कुटीर उद्योग थमाया गया था, उन्हें भला आरक्षण की क्या आवश्यकता है। इसके साथ ही उन्होंने आरक्षण व्यवस्था को गलत बताते हुए इसके पांच ऐसे दोष बताए जिससे देश के साथ समाज का नुकसान हो रहा है। इसके अलावा उन्होंने कुछ ऐसे दोष भी बताए जिससे स्वयं आरक्षित समाज को ही नुकसान हो रहा है।
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चाणक्य नीति का अध्ययन कीजिए
फिर रामचरित मानस के मसले पर कहा कि जो लोग टिप्पणी कर रहे हैं क्या रामचरित मानस को जानते हैं। इन लोगों ने राष्ट्रपति के पास जाकर निवेदन किया है कि इन पंक्तियों पर उन्हें आपत्ति है। चाणक्य नीति का अध्ययन कीजिए। अर्थ न जानकर कोई संशोधन चाहते हैं वो अपनी नासमझी और मूर्खता को पेश कर रहे हैं।
ईसा मसीह थे कट्टर वैष्णव
जब शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती से पूछा गया कि हिन्दू राष्ट्र में मुसलमान और इसाईयों की क्या जगह है, तब उन्होंने कहा कि सभी के पूर्वज सनातनी रहे हैं। ईशा मसीह की प्रतिमा रोम में है। उसे ढंककर रखा गया है। वैष्णव तिलक से युक्त ये प्रतिमा सामने आनी चाहिए। ईसा मसही कट्टर वैष्णव थे।