RAIPUR: यशवंत सिन्हा बोले − यह विचारधारा की लड़ाई है व्यक्ति की नहीं, केंद्र में बैठे लोग टकराव पसंद हैं, सहमति पसंद नहीं

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Yagyawalkya Mishra
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RAIPUR: यशवंत सिन्हा बोले − यह विचारधारा की लड़ाई है व्यक्ति की नहीं, केंद्र में बैठे लोग टकराव पसंद हैं, सहमति पसंद नहीं

Raipur। संयुक्त विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा यह मानते हैं कि, देश में जरुरत इस बात की है कि, राष्ट्रपति कोई ख़ामोश व्यक्ति ना बने, बल्कि वह बने जो संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करे।कभी बीजेपी के बड़े नेताओं में गिने जाते और बीजेपी सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके यशवंत सिन्हा यह मानते हैं कि आज की बीजेपी वह बीजेपी नहीं है जो पहले दल के भीतर सहमति बनानी थी और फिर बाहर, जबकि आज की बीजेपी में सहमति को नहीं बल्कि टकराव को पसंद किया जाता है।





मैं तो 10वां प्रत्याशी होता तो भी बन जाता..





पूर्व केंद्रीय मंत्री और इस वक्त राष्ट्रपति चुनाव में अपने समर्थन में मत मांगने देश भर के राज्यों की यात्रा पर निकले यशवंत सिन्हा ने एक सवाल के जवाब में कहा



“आप कहना चाह रहे हैं कि तीन प्रत्याशी ने मना किया तो आपको बलि का बकरा बना दिया गया, मैं कहना चाहता हूँ जिस संघर्ष में मैं हूँ उसमें दसवाँ प्रत्याशी भी मुझे बनाया जाता तो मैं बन जाता”



 राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा से सवाल हुआ कि,आपकी पत्नी ने बीजेपी की उम्मीदवार द्रौपदी मूर्मू को अच्छा उम्मीदवार कहा है, आप क्या कहते हैं, इस पर मुस्कुराते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा



“मेरी पत्नी का बड़प्पन है कि उन्होंने उन्हें अच्छा उम्मीदवार कहा, मैं भी उन्हें अच्छा उम्मीदवार कहता हूँ लेकिन अच्छा और बेहतर में फर्क होता है”





यह व्यक्ति नहीं विचारधारा की लड़ाई है





यशवंत सिन्हा ने स्पष्ट किया है कि यह व्यक्ति नहीं विचारधारा की लड़ाई है।हम उस विचारधारा के खिलाफ हैं जो देश को रसातल पर ले जा रहे हैं। यशवंत सिन्हा ने कहा कांग्रेस और विपक्ष के अलावा बीजेपी में पुराने मित्र हैं।मैं उनसे कहना चाहता हूँ कि परिस्थिति ऐसी बनी है कि विवेक का इस्तेमाल करना चाहिए, लकीर का फ़क़ीर नहीं होना चाहिए।





ये सवाल मुझसे नहीं बल्कि उनसे करिए..





यशवंत सिन्हा से सवाल हुआ कि तीन विपक्षी दलों ने समर्थन वापस ले लिया इस पर क्या कहेंगे,इस पर यशवंत सिन्हा ने कहा- “जिन दलों ने विपक्षी दलों की बैठक में उपस्थित होकर सहमति दी उन्हें इधर से उधर नहीं होना चाहिये पर यदि वे पीछे हटते हैं तो उनसे पूछा जाना चाहिए कि सहमति देने के बाद पीछे हटने का काम क्यों किए।”



President Candidate छत्तीसगढ़ विचारधारा की लड़ाई यशवंत सिन्हा रायपुर पत्रकार वार्ता राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार Chhattisgarh numbers battle of ideology Yashvant Sinha