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RAIPUR. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए पांच महीने शेष रह गए हैं। उत्तर मध्य छत्तीसगढ़ में बारिश पूर्व कांटे की जंग में अपनी क्षमता की जांच के लिए कांग्रेस और बीजेपी बूथ से लेकर सड़क तक प्रदर्शन की शुरूआत कर चुके हैं। उत्तर छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में अभी कांग्रेस राष्ट्रीय बैठक के बाद प्रदेश संगठन में बदलाव के इंतजार में है। बीजेपी कांग्रेस की महत्वाकांक्षी योजना गोठान की बदहाली को लेकर बूथ से लेकर जिला स्तर पर प्रदर्शन करने में जुट गई है। कर्नाटक चुनाव में भाजपा की हार और कांग्रेस की जीत का असर अब छत्तीसगढ़ में सीधे मुकाबले में आई दोनों दलों पर इसका असर दिखने लग गया है।
हार के बाद रणनीति बदल रही बीजेपी
मोदी के सहारे चुनाव जीतने का भरोसा रखने वाली बीजेपी अब कर्नाटक चुनाव के बाद रणनीति बदलने में जुट गई है। गांव-गांव गोठान निरीक्षण के साथ भाजपा के संभागीय और प्रदेश पदाधिकारी स्थानीय कार्यकर्ताओं और संगठन को सड़कों पर उतर रहे हैं। साथ ही सरकार की विफल विकास योजनाओं को निशाना बनाकर जन समर्थन जुटाने प्रदर्शन करने की शुरूआत कर चुके हैं। उत्तर छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग और मध्य छत्तीसगढ़ के बिलासपुर, रायपुर संभाग में बीते हफ्ते यह गति और तेज हो गई है।
कांग्रेस को 28 मई की बैठक का इंतजार
कांग्रेस की कमान फिलहाल सिर्फ मुख्यमंत्री ही संभाले हुए हैं। उत्तर छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में कांग्रेस की गतिविधियां अभी शांत और स्थिर बनी हुई है। यहां कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव के विधानसभा क्षेत्र अम्बिकापुर को छोड़ मुख्यमंत्री सभी 14 सीटों पर भेंट मुलाकात कर चुके हैं। मध्य छत्तीसगढ़ के बिलासपुर संभाग में भी उनकी मुलाकात अंतिम दौर में है, परंतु सरगुजा और बिलासपुर संभाग में कांग्रेस संगठन अभी 28 मई को होने वाली कांग्रेस की राष्ट्रीय चुनावी बैठक पर निगाह जमाए हुए है, जहां उन्हें उम्मीद है कि शायद प्रदेश संगठन में कोई फेरबदल हो।
केडर वोटों को रोकने हो रही मशक्कत
उत्तर छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग और रायगढ़ जिले में फिलहाल किसी तीसरे दल की उपस्थिति अब तक नहीं हो पाई है, परंतु बिलासपुर संभाग के जांजगीर जिले व रायपुर संभाग के बलौदा बाजार जिले की ओर बसपा की गतिविधियां थोड़ी बढ़ी है। बिलासपुर संभाग में चार सीटें लेने वाले जोगी कांग्रेस अभी तक अपनी रणनीति सामने नहीं ला पाए हैं, जिसमें उनका असमंजस दिख रहा है कि पार्टी इस चुनाव में अकेले दम पर किसका दामन पकड़ेगी? जोगी कांग्रेस के केडर वोट तेजी से बिखर रहे हैं, वहीं बसपा अपने केडर वोटों को समेटने में भीतर ही भीतर लगी हुई है।
28 की बैठक के बाद बदल सकते हैं हालात
पांच महीने शेष रह गए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सत्ता और संगठन का अंदरूनी कलह उत्तर मध्य छत्तीसगढ़ में पूरी तरह प्रभावी है। मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष के साथ कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव व सरगुजा तथा बिलासपुर के असंतुष्ट खेमा किसी फेरबदल के लिए फिलहाल तैयार नहीं है, मगर राष्ट्रीय अध्यक्ष के संकेतों के मुताबिक यदि फेरबदल हुआ तो वह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को फ्री हैंड देने वाला होगा, जिससे कांग्रेस की कलह शायद उत्तर मध्य इलाके में और बढ़ जाए। 28 मई की तारीख इसलिए कांग्रेस के साथ भाजपा के लिए भी उत्सुकता का विषय बनी हुई है।