सूरजपुर के जंगल से बाघ को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ा, ग्रामीणों पर हमले में घायल हुआ था, अभी चल रहा इलाज

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सूरजपुर के जंगल से बाघ को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ा, ग्रामीणों पर हमले में घायल हुआ था, अभी चल रहा इलाज

SURAJPUR. आखिरकार घायल बाघ को पकड़ लिया गया है। दरअसल, सूरजपुर जिले के ओड़गी अंतर्गत कालामांजन के जंगल में सोमवार, 27 मार्च को सुबह तीन ग्रामीणों पर बाघ ने हमला किया था। जिसमें दो ग्रामीणों की मौत हो गई थी। अपने बचाव में ग्रामीणों ने बाघ पर टांगियों धारदार हथियार से वार किया था। जिससे बाघ घायल हो गया था। इसके बाद से पूरे इलाके में घायल बाघ के रेस्क्यू के लिए अभियान चलाया गया था। आज बाघ झाड़ियों में छिपा मिला, जिसे वनविभाग की टीम ने ट्रेंकुलाइज कर लिया। वन विभाग का कहना है कि बाघ फिलहाल घायल स्थिति में है। चिकित्सकों की टीम द्वारा उसका उपचार किया जाएगा। बाघ के पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद उसे सुरक्षित स्थान पर छोड़ने की योजना है। इस अभियान के बाद मंत्री टीएस सिंहदेव ने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर टीम को बधाई दी। 



रेस्क्यू अभियान चलाकर आज सुबह पकड़ा बाघ को



जानकारी के अनुसार घायल बाघ जंगल के घनी झाड़ियों में चला गया था, जिसके कारण उसकी निगरानी के लिए वन अमले के साथ पुलिस टीम सर्चिंग कर रही थी। बाघ की तलाश के लिए ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही थी। सोमवार, 27 मार्च देर शाम झाड़ियों में छिपे बाघ का लोकेशन मिल गया था, लेकिन अंधेरा हो जाने के कारण बाघ का रेस्क्यू नहीं किया जा सका। बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के लिए कुमकी हाथी को भी मौके पर बुलाया गया था। मंगलवार, 28 मार्च की सुबह से ही बाघ को रेस्क्यू करने अभियान चलाया गया। बाघ के झाड़ियों में नजर आने पर कुमकी हाथी में सवार वन विभाग की ट्रेंकुलाइज टीम ने डाट मारकर बाघ को बेहोश कर दिया। बाघ के बेहोश होने के बाद वन अमले ने उसे झाड़ियों से निकालकर रेस्क्यू कर लिया और पिंजरे में बंद कर दिया गया।



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यह है पूरी घटना



गौरतलब है कि सूरजपुर जिले के ओड़गी अंतर्गत कालामांजन गांव में सोमवार सुबह जंगल में लकड़ी लेने गए तीन ग्रामीणों समय लाल (33) कैलाश सिंह (35) एवं राय सिंह (27) वर्ष पर बाघ ने हमला कर दिया था। करीब 20 मिनट तक बाघ से तीनों ने संघर्ष किया। अपने बचाव में तीनों ने बाघ पर टांगी धारदार हथियार और फरसे से वार किया, जिससे बाघ घायल होकर ज्यादा आक्रामक हो गया। गांव के पास ही हमला होने के कारण शोर सुनकर बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए तो बाघ जंगल में वापस चला गया। बाघ के हमले में गंभीर रूप से घायल समयलाल की ओड़गी में एवं कैलाश सिंह की मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर लाते समय रास्ते में मौत हो गई थी। घटना के बाद ओड़गी के स्कूलों में छुट्टी कर दी गई थी और मां कुदरगढ़ी धाम में आयोजित सांस्कृतिक संध्या के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया था।


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