याज्ञवलक्य मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में शिक्षा विभाग का एक पत्र वायरल हो रहा है। यह पत्र जशपुर जिला शिक्षा अधिकारी ने जारी किया है। पत्र सभी विकासखंड शिक्षा अधिकारियों के जरिए स्कूल शिक्षा विभाग के सभी कर्मचारियों और शिक्षकों को भेजा गया है। इस पत्र के साथ एक मुद्रित ( प्रिंटेड ) घोषणा पत्र है, जिसे कर्मचारियों और शिक्षकों को भर कर देना है। इस घोषणा पत्र में लिखा गया है कि वे ड्यूटी टाइम और सार्वजनिक रूप से शराब नहीं पिएंगे।
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क्या लिखा है पत्र में?
जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से जारी पत्र में लिखा गया है कि सिविल सेवा आचरण नियम 1985 के नियम 23 के तहत कार्यालय और विद्यालयों में कार्यरत सभी शासकीय सेवकों को अपने पद के कर्तव्य निर्वहन की अवधि में मद्यपान नहीं करने के संबंध में निर्देश हैं। प्रायः यह देखा जा रहा है कि कर्तव्य निर्वहन की अवधि में ही शासकीय सेवकों द्वारा मद्यपान का सेवन कर कार्यालय/विद्यालय में उपस्थित हो रहे हैं, जिससे कार्य के साथ-साथ कार्यालयीन/विद्यालयीन माहौल दूषित हो रहा है। शिक्षकों के द्वारा मद्यपान का सेवन कर उपस्थित होने से छात्र/छात्राओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।अतएव अपने विकासखंड कार्यालय और विद्यालयों में कार्यरत सभी शासकीय सेवकों से संलग्न प्रपत्र में उल्लेखित घोषणा पत्र पूर्ण कराकर संकलित कर दिनांक 24 नवंबर को सांय 5 बजे तक विशेष वाहक के हस्ते इस कार्यालय में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
क्यों पड़ गई जरूरत?
जिला शिक्षा अधिकारी मधुलिका तिवारी ने इस पत्र को लेकर कहा इस आशय की खबरें आती रही हैं कि शराब के नशे में गुरुजी या कि कर्मचारी गाफिल हैं। यह शिकायत बहुत ही ज़्यादा आ रही थी। नियंत्रण और अनुशासन के दृष्टिकोण से यह पत्र जारी किया गया है।