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JAGDALPUR. बस्तर में पिछले 10 महीनों से व्यवस्था सुधारने की मांग करने के बावजूद जगदलपुर-रायपुर नेशनल हाइवे-30 पर बड़ईगुड़ा के पास मौजूद टोल प्लाजा संचालक ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इससे नाराज ग्रामीणों ने आज टोल प्लाजा में हल्ला बोल दिया। इस दौरान सैकड़ों लोगों ने जमकर विरोध-प्रदर्शन किया और नारेबाजी करते हुए पोस्टर भी जलाए। इस प्रदर्शन की जानकारी मिलने के बाद मौके पर प्रशासन की टीम भी पहुंची। इसके साथ ही पिछले 2 महीनों से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को व्यवस्था सुधारने 3 बार नोटिस देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई तो एसडीएम की मौजूदगी में तहसीलदारों ने टोल प्लाजा को सील कर दिया।
नेशनल हाइवे की मरम्मत नहीं हुई
प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले करीब 10 महीनों से टोल प्लाजा के संचालक द्वारा लोगों के लिए जरूरी सुविधा जिसमें टोल प्लाजा के दोनों ओर स्ट्रीट लाइट, हाई मास्ट लाइट, सड़कों की मरम्मत और राहगीरों के लिए अन्य सुविधाओं में सुधार नहीं किया जा रहा था, लंबे समय से इन जरूरी सुविधाओ को दुरुस्त करने की जिम्मेदारी एजेंसी ने नहीं निभाई है। इसको लेकर इससे पहले भी स्थानीय ग्रामीणों और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासन के अधिकारियों से भी इसकी शिकायत की थी, जिसके बाद बस्तर के एसडीएम ने भी एनएचआई को 3 बार व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए नोटिस दिया, लेकिन एनएचएआई ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया और ना ही व्यवस्था सुधारी। इससे नाराज ग्रामीणों ने आज टोल प्लाजा के सामने जमकर हंगामा किया और पुतला दहन करने के साथ ही टोल प्लाजा में कुछ देर तक वाहनों को भी रोककर रखा, जिसके बाद मौके पर पहुंची प्रशासन की टीम ने टोल प्लाजा को सील करने की कार्रवाई की।
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प्रशासन ने 3 बार भेजा नोटिस नहीं मिला जवाब
बस्तर के एसडीएम ओम प्रकाश वर्मा ने बताया कि नेशनल हाइवे के बड़ईगुड़ा में मौजूद एनएचएआई के टोल प्लाजा संचालक की जिम्मेदारी होती है कि टोल प्लाजा के आसपास लगी स्ट्रीट लाइट को दुरुस्त करें। इसके साथ ही हाई मास्ट लाइट भी लगाएं, यही नहीं पूरी तरह से टोल प्लाजा के दोनों ओर जर्जर हो चुकी सड़क की मरम्मत करने की भी जिम्मेदारी टोल प्लाजा की होती है। पिछले 10 महीनों से बस्तर के ग्रामीणों द्वारा इस व्यवस्था को दुरुस्त करने की मांग की जा रही थी, ग्रामीणों से शिकायत मिलने पर प्रशासन की टीम के द्वारा भी एनएचआई को 3 बार नोटिस दिया गया, लेकिन नोटिस का जवाब नहीं मिला।