RAIPUR. सदन में रोजगार और पंजीकृत बेरोजगार का मसला सदन में उठा। सरकार अपने ही जवाब से घिर भी गई। सरकार ने सदन में स्वीकारा कि जिस संस्था को आधार मानकर आंकड़े तय किए जाते हैं, उसे शासकीय मान्यता नहीं है। इस पर विपक्ष ने सवाल किया कि जब संस्था को मान्यता नहीं है तो उस संस्था के आंकड़ों पर दो करोड़ का विज्ञापन क्यों जारी किया गया? जब पूरक प्रश्नों की संख्या बढ़ी और सरकार फंसने लगी तो सत्ता पक्ष की ओर से आपत्ति आई तो विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सख्त तेवर में कहा- मुझे जो विषय गंभीर लगेगा, उस पर जितने चाहे पूरक प्रश्न आएंगे और मैं चर्चा कराउंगा।
तीखी बहस के बीच बहिर्गमन
जिस संस्था के आधार पर बेरोजगारी दर के दावे होते हैं। वह संस्था है CMII। जबकि बेरोजगार के आंकड़े विपक्ष ने मांगे तो मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि बेरोजगार के आंकड़े बताना संभव नहीं है। शिवरतन शर्मा ने CIIMS की रिपोर्ट को प्रायोजित बताया। इस बीच सीएम बघेल ने कहा कि बेरोजगारी सर्वे की बात हो तो जनगणना की बात हो। भारत सरकार अगर सर्वे करती तो हमको हेडकाउंट की जरूरत पड़ती क्या?
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जवाब पर नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने ली आपत्ति
सीएम बघेल के इस जवाब पर नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने आपत्ति की और कहा जवाब जिस प्रकार से आ रहा है, उसमें भारत सरकार कहां से आ गई। प्रश्न बहुत गंभीर है। आपके पास रोजगार कार्यालय का आंकड़ा है। प्रश्न के जवाब को घुमाकर उत्तर दिया जा रहा है। इस सवाल-जवाब के बीच सदन में तीखी बहस छिड़ गई। इसी बीच विपक्ष ने यह कहते हुए बहिर्गमन कर दिया कि वे मंत्री के जवाब से असंतुष्ट हैं। रोजगार युवकों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
आंदोलन के दौरान ग्रेनेड टियर्स फेंके जाने के मसले पर बीजेपी ने किया हंगामा
RAIPUR. प्रधानमंत्री आवास मसले पर बीजेपी के विधानसभा घेराव आंदोलन के दौरान 15 मार्च, बुधवार को पुलिस द्वारा ग्रेनेड टियर्स फेंके जाने के मसले पर बीजेपी ने जमकर हंगामा किया। बीजेपी की ओर से नारायण चंदेल, डॉ रमन सिंह, धर्मलाल कौशिक, अजय चंद्राकर, रंजना साहू, सौरभ सिंह और शिवरतन शर्मा ने इस मसले को लेकर सरकार पर सवाल खड़े कर दिए। विपक्ष ने इस मसले पर स्थगन प्रस्ताव पेश किया था। इसके बाद आसंदी से उपाध्यक्ष संतराम नेताम ने कहा कि इस मसले पर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू कथन दे चुके हैं।
बर्बरता का चरम है, जनांदोलन पर गोली लाठी क्यों?
इस मसले को लेकर बीजेपी की ओर से सवाल उठाते हुए स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार करने की बात कही गई। कहा कि यह बर्बरता का चरम है। जनांदोलन पर गोली लाठी चलाना कौन सा लोकतांत्रिक रूप है। इस पर विपक्ष ने कहा हर जगह यह खबरें हैं कि लाठी और बम चलाए गए। आंदोलन कर रहे आंदोलनकर्मियों पर ऐसा व्यवहार हुआ है। इससे बढ़कर क्या महत्वपूर्ण है कि सदन इस विषय को छोड़ किसी अन्य विषय पर चर्चा करें। आसंदी ने स्थगन प्रस्ताव को अग्राह्य कर दिया तो विपक्ष नारेबाजी करने लगा। विपक्ष को नारे लगाते देख सत्ता पक्ष के विधायक भी खड़े हो गए और शोरगुल करने लगे। इस के बाद सदन की कार्रवाई पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।