RAJNANDGAON. राजनांदगांव कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने वेतन वृद्धि सहित अपनी अन्य मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे ड्राइवर एकता संगठन और जिला परिवहन संघ के ट्रक मालिकों के बीच आपसी समन्वय बनाने के लिए आज पुलिस अधीक्षक कार्यालय में बैठक हुई। लेकिन दोनों संघ की इस बैठक में बात नहीं बनी। इसे लेकर जिला परिवहन संघ ने कहा है कि कुछ लोगों के द्वारा अन्य ट्रक ड्राइवरों को गुमराह करते हुए औचित्यहीन आंदोलन चलाया जा रहा है।
ट्रक ड्राइवरों की मांग
जिला परिवहन संघ के द्वारा ड्राइवरों की मांग को लेकर कहा गया है कि वर्तमान में लाइन में चल रहे सभी ड्राइवरों को लगभग 3 हजार 500 रुपए प्रति माह वेतन दिया जाता है। वहीं प्रतिदिन 300 रुपए भत्ता और प्रति ट्रिप लगभग 6 हजार रुपए का भुगतान किया जाता है। एक महीने में एक कुशल ड्राइवर 4 से 5 ट्रिप लगा लेता है। इसके अनुसार देखा जाए तो प्रतिमाह एक ड्राइवर की आमदनी 30 हजार से 35 हजार रुपए तक होती है।
हड़ताल खत्म करने की हरसंभव कोशिश
जिला परिवहन संघ के इंद्रजीत सिंह सलूजा ने कहा कि हम ड्राइवरों को जितने रुपए देते हैं, उन सभी का हिसाब हमारे पास दस्तावेजी साक्ष्य के तौर पर मौजूद हैं। वहीं ट्रक मालिक मोहम्मद इब्राहिम ने कहा कि आज की बैठक कुछ लोगों के हठधर्मिता के चलते विफल हो गई। हमारा प्रयास रहेगा कि प्रशासन के सहयोग से ड्राइवर यूनियन के हड़ताल को खत्म करने हम हरसंभव कोशिश करेंगे।
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जिला परिवहन संघ के मालिकों की मांगें
बेवजह के आरोप लगाते हुए ट्रक ड्राइवरों ने हड़ताल किए जाने के मामले में जिला परिवहन संघ के अंतर्गत ट्रक मालिकों ने भी अपनी 5 बिन्दुओं पर मांगें रखी हैं। इस बैठक में प्रशासन के समक्ष ड्राइवरों के लिए रखी हैं, जिसमें अलग-अलग कंपनियों की ट्रक के एवरेज के अनुसार ड्राइवर को प्रति लीटर एवरेज के माप पर वाहन चलाना होगा। डीजल चोरी की पूरी जिम्मेदारी ड्राइवर की होगी। वहीं बिना कारण के खाली गाड़ी या लोड गाड़ी खड़े करके कई दिन तक गायब हो जाने पर प्रतिदिन 5 हजार रुपए के नुकसान की भरपाई ड्राइवर संगठन को करनी पड़ेगी। नशा करके या शराब पीकर गाड़ी चलाने, कंडक्टर को गाड़ी चलाने की अनुमति देने पर होने वाले नुकसान की पूरी जिम्मेदारी ड्राइवर और ड्राइवर संगठन की होगी। वहीं उन्होंने अपने 5वें बिन्दु में कहा है कि ड्राइवर और कंडक्टर द्वारा लोड सामान की चोरी, शॉर्टेज और गबन की स्थिति में 5 गुना आर्थिक दंड लगाया जाएगा जिसके भुगतान की जिम्मेदारी ड्राइवर संगठन की होगी।